डेली संवाद, जालंधर
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट दफ्तर में चल रही उठापटक के बीच बड़ी खबर यह है कि ट्रस्ट की स्कीमों में पहली बार अवैध रूप से निर्माण काम शुरू हो गए हैं। सूर्या एंक्लेव में नक्शे के विपरीत तीन एससीओ को जोड़कर एक कामर्शियल कंप्लैक्स बनाया जा रहा है, जो सरकार के स्टैंडर्ड डिजाइन के बिल्कुल उलट है। चर्चा यह है कि अवैध तरीके से कामर्शियल कांप्लेक्स बनवाने के लिए लाखों रुपए की डील हुई है।
अवैध निर्माण करवाने में अभी तक नगर निगम के अफसर बदनाम रहे हैं, लेकिन अब इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के इंजीनियर और अधिकारी भी इसी कैटेगरी में शामिल हो गए हैं। सूर्या एंक्लेव में एससीओ संख्या 25, 26 और 27 का इंप्रूवमेंट ट्रस्ट से अलग-अलग तीन नक्शे पास हुए, लेकिन मौके पर तीनों एससीओ को जोड़कर एक बड़ा कामर्शियल कांप्लैक्स बनाया जा रहा है।
स्टैंडर्ड डिजाइन में बेसमेंट नहीं बनाया जा सकता
हद तो यह है कि अवैध रूप से तीन नक्शों को जोड़कर बनाए जा रहे कामर्शियल कांप्लैक्स में बेसमेंट भी बनाया गया है, जबकि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के स्टैंडर्ड डिजाइन में बेसमेंट नहीं बनाया जा सकता है। एससीओ संख्या 25, 26 और 27 के मालिकों ने आपस में मिलीभगत कर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के अधिकारियों को मोटी रिश्वत देकर एससीओ को कामर्शियल कांप्लैक्स में तब्दील कर दिया।
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के टाउन प्लानिंग विंग के इंद्रजीत सिंह के मुताबिक एससीओ के नक्शे में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है, ट्रस्ट की सभी स्कीमों में एक समान एसीसीओ के नक्शे पास होते हैं और एक समान ही एससीओ बनते है। सूर्या एंक्लेव में अगर वायलेशन हुआ है तो बिल्डिंग को ढहा दी जाएगी।