डीजीपी वीके भावरा ने मोहाली में सडक़ सुरक्षा और ट्रैफिक़ अनुसंधान केंद्र का किया उद्घाटन

Daily Samvad
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डेली संवाद, चंडीगढ़
आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के भविष्य के वैज्ञानिक साधनों का प्रयोग करते हुए सडक़ हादसों में होने वाली मौतों को रोकने के मकसद से डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब वी.के. भावरा ने आज मोहाली में पंजाब पुलिस के एन.आर.आइ. मामलों के दफ़्तर में अत्याधुनिक पंजाब सडक़ सुरक्षा और ट्रैफिक़ अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन किया। डी.जी.पी. के साथ ए.डी.जी.पी. ट्रैफिक़ ए.एस. राय, पंजाब ट्रैफिक़ सलाहकार डॉ. नवदीप असीजा और एस.एस.पी. मोहाली विवेक शील सोनी भी मौजूद थे।

पंजाब सरकार द्वारा 2 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित किए गए अपनी किस्म के पहले एडवांस्ड मल्टीडिसिप्लिनरी ट्रैफिक रिसर्च सेंटर में आर्टीफिसियल इंटेलिजेंस, जीओ-इनफरमैटिक्स, डी-मैपिंग, ड्रोन सर्वेक्षण, दुर्घटना की जांच, दुर्घटना का पुनर निर्माण, सडक़ इंजीनियरिंग और ऑटोमोटिव सुरक्षा समेत अन्य कई सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा इस केंद्र में इनक्यूबेशन हब, कॉन्फ्रेंस रूम और पुस्तकालय भी शामिल है।

इमरजेंसी के बारे में रीयल टाईम

इस मौके पर डी.जी.पी. ने पंजाब की सालाना सडक़ यातायात और दुर्घटना रिपोर्ट-2020 भी जारी की। नए स्थापित अनुसंधान केंद्र का दौरा करते हुए डी.जी.पी. ने पाँच वेरीएबल मेसेज साईन बोर्डों (वी.एम.एस.) का भी उद्घाटन किया। यह डिजिटल साईन बोर्ड जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, यू.टी. चण्डीगढ़ और राजस्थान समेत स्टेट बॉर्डर एंट्री प्वाइंट्स पर ट्रैफिक़ जाम, मौसम या पंजाब आने वाले यात्रियों को किसी भी आगामी या इमरजेंसी के बारे में रीयल टाईम में जानकारी मुहैया करवाने में सहायक होंगे। डी.जी.पी. ने कहा कि जल्द ही सभी बॉर्डर एंट्री प्वाइंट्स पर ऐसे और वी.एम.एस. लगाए जाएंगे।

डी.जी.पी. वी.के. भावरा ने कहा कि ट्रैफिक़ पुलिस का भविष्य तथ्यों के ज्ञान और वैज्ञानिक मदद के साथ बनाया जाएगा और यह केंद्र राज्य में आधुनिक ट्रैफिक़ प्रबंधन की भविष्य की चुनौतियों और ज़रूरतों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

उन्होंने कहा कि यह केंद्र पंजाब पुलिस के गज़टिड अधिकारियों के लिए एक उन्नत प्रशिक्षण केंद्र और सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और पंजाब सरकार के महत्वाकांक्षी आई.आर.ए.डी. प्रोजैक्ट के लागकरण के लिए नोडल केंद्र के तौर पर भी काम करेगा।

बुनियादी ढांचे को अपग्रेड किया जा रहा है

गौरतलब है कि एकीकृत सडक़ दुर्घटना डेटाबेस (आई.आर.ए.डी.) प्रोजैक्ट भारत सरकार के सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एम.ओ.आर.टी.एच.) की एक पहल है, जिसका उद्देश्य दुर्घटना डेटाबेस तैयार करके देश में सडक़ सुरक्षा को बेहतर बनाना है।

ए.डी.जी.पी. ए.एस. राय ने कहा कि जिस तरीके से भविष्य चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारी वाहन प्रौद्यौगिकी और सडक़ के बुनियादी ढांचे को अपग्रेड किया जा रहा है, हमारी लागूकरण एजेंसियों को ख़ुद ट्रैफिक़ नियंत्रण या नियम के अनुभव-आधारित ढंग से रीयल टाईम की जानकारी के आधार पर ट्रैफिक़ प्रबंधन के आधुनिक तरीकों तक अपग्रेड करने की ज़रूरत है। उन्होंने आगे कहा कि यह केंद्र को ऐसी चुनौतियों का सामना करने के लिए एक कड़ी के तौर पर काम करेगा।

रोज़ाना की 11-12 कीमती जानें जा रही हैं

आंकड़ों के अनुसार पंजाब में सडक़ हादसों में रोज़ाना की 11-12 कीमती जानें जा रही हैं। साल 2020 में पंजाब में सडक़ हादसों में होने वाली मौतों में 2019 के मुकाबले 14 फ़ीसदी की कमी दर्ज की गई है। समस्याओं के हल के लिए सडक़ सुरक्षा विशेषज्ञों के सहयोग से ब्लैक स्पॉट की पहचान और सुधार प्रोग्राम, सुरक्षित पंजाब प्रोग्राम, विजन ज़ीरो प्रोग्राम जैसे प्रयासों के साथ सडक़ हादसों और मौतों में कमी के मामले सम्बन्धी महत्वपूर्ण नतीजे हासिल किए हैं।

डॉ. असीजा ने कहा कि यह देश में अपनी किस्म का पहला अनुसंधान केंद्र है, जिसको डेटा टू डिसीजन (डीडी) दृष्टिकोण पर संकल्पित किया गया है और बेहतर प्रांतीय अनुसंधान भविष्य की लागूकरण की रणनीतियों को आकार देगी और सडक़ हादसे और इस दौरान होने वाली मौतों को घटाने में मददगार होगी।




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