डेली संवाद, बठिंडा
पंजाब पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पंजाब में नवगठित एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने रविवार को बठिंडा से जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और कनाडा के गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के तीन करीबी गैंगस्टरों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान श्री मुक्तसर साहिब के ग्राम चारेवां निवासी लवप्रीत सिंह उर्फ सचिन, श्री मुक्तसर साहिब के गांव झोरार के हिम्मतवीर सिंह गिल और श्री मुक्तसर साहिब के गांव चक दुखे वाला के बलकरण उर्फ विक्की के रूप में हुई है। पुलिस ने उनके कब्जे से दो .30-कैलिबर पिस्तौल, दो .32-कैलिबर पिस्तौल, 20 कारतूस और एक सफेद i20 कार भी बरामद की है।
मालवा के एक प्रमुख व्यवसायी से रंगदारी वसूलने की तैयारी थी
गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने हाल ही में गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के लिए डीजीपी पंजाब वीके भवरा की देखरेख में एडीजीपी प्रमोद बान की अध्यक्षता में एक एजीटीएफ का गठन किया है।
डीआईजी एजीटीएफ गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने जानकारी देते हुए कहा कि विश्वसनीय इनपुट के बाद, बठिंडा से एजीटीएफ की एक टीम ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है, जो मालवा क्षेत्र के एक प्रमुख व्यवसायी से पैसे वसूलने के लिए हमला करने की योजना बना रहे थे। उन्होंने कहा, “इन आरोपियों की गिरफ्तारी से एक सनसनीखेज अपराध टल गया है।”
फरार गैंगस्टरों को ठिकाने मुहैया करा रहे
डीआईजी भुल्लर ने कहा कि तीनों आरोपी व्यक्तियों की आपराधिक पृष्ठभूमि है, जबकि सचिन और हिम्मतवीर पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध हथियारों की तस्करी में शामिल थे। उन्होंने कहा कि वे दूसरे राज्यों से गिरोह के लिए हथियार खरीदते हैं और लक्ष्य की हत्या के लिए अपने सहयोगियों को देते थे।
डीआईजी ने कहा कि कनाडा के गैंगस्टर गोल्डी बरार और लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई के निर्देश पर वे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के फरार गैंगस्टरों को ठिकाने मुहैया करा रहे थे। उन्होंने कहा, “हाल ही में स्पेशल सेल दिल्ली की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट ने एक वांछित गैंगस्टर शारुख को गिरफ्तार किया है, जिसे सचिन और उसके साथियों ने पंजाब में ठिकाना मुहैया कराया था।”
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