डेली संवाद, जालंधर
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट जालंधर में एक नहीं, दो नहीं, बल्कि पूरे 500 करोड़ रुपए की अब तक धांधली हो चुकी है। यह धांधली आज से नहीं, बल्कि पिछले 15 साल से चल रही है। इसका मास्टर माइंड ट्रस्ट का ही एक अधिकारी बताया जा रहा है। इसे लेकर पिछले कई साल से लगातार सबूतों के साथ शिकायत की जा रही है, लेकिन मास्टर माइंड इतना चालाक है कि सभी की मैनेज कर लेता है।
ताजा मामले में सस्पैंड चल रहे ईओ परमिंदर सिंह गिल और अन्य मुलाजिम इस खेल में महज एक ‘प्यादे’ हैं, असली किंग मेकर वही मास्टर माइंड, जो पिछले 15 साल से इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को दीमक की तरफ ‘चाट’ रहा है।
इस खेल में कुछ रसूखदार लोगों को भी शामिल किया
डेली संवाद के पास इस मास्टर माइंड के खिलाफ ढेर सारे सबूत हैं। जो पिछले 15 साल से इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को करोड़ों रुपए का नुकसान करवाया और अपने और कुछ अन्य के नाम अरबों रुपए की संपत्ति जुटाई। मास्टर माइंड ने दोनों हाथों से इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की हर संपत्ति को जमकर लूटा। जब खुद लूटकर थक गया तो इस खेल में कुछ रसूखदार लोगों को भी शामिल किया।
यहां यह कहना गलत न होगा कि इंप्रूवमेंट में लगने वाले राजनीतिक चेयरमैन महज चेहरा होते थे, असली कर्ताधर्ता वह मास्टर माइंड और उनके प्यादे जो इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में कई साल से एक ही सीट पर बैठे थे। इस पूरे खेल का कच्चा चिट्ठा मुख्यमंत्री भगवंत मान के पास पहुंच चुका है।
सरकार के एक प्रोजैक्ट का हिस्सा बना हुआ है
यह कच्चा चिट्ठा पूर्व की अकाली-भाजपा सरकार और कांग्रेस सरकार में भी मुख्यमंत्रियों के पास पहुंचा था, लेकिन तब उक्त मास्टर माइंड ने मंत्रियों के रास्ते सभी को मैनेज कर लिया। जिससे आज तक इसका राजफाश नहीं हो सका। हैरानी की बात तो यह है कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट से रिटायर होने के बाद उक्त अधिकारी आज भी सरकार के एक प्रोजैक्ट का हिस्सा बना हुआ है।
यह मास्टर माइंड और माफिया इतना ताकतवर है कि इसके खिलाफ जाने वाले अफसर का ट्रांसफर हो जाता है। अफसर पर ही करप्शन का आरोप लग जाता है, जिससे अफसर को सस्पैंड कर दिया जाता है। जिससे अफसर भी इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते। डेली संवाद पर सबूतों के साथ 500 करोड़ का कच्चा चिट्ठा औऱ मास्टर माइंड समेत माफिया के चेहरे को बेनकाब करने की मुहिम शुरू हो गई है।
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