वन के अधीन क्षेत्रफल में विस्तार करना राज्य सरकार की प्राथमिकता: लाल चंद कटारूचक्क

Daily Samvad
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डेली संवाद, चंडीगढ़
‘‘पंजाब सरकार की तरफ से राज्य भर में अधिक से अधिक क्षेत्रफल को वन के तहत लाने के लिए भरपूर कोशिशें की जा रही हैं जिससे आज की और आने वाली नस्लों को एक साफ़ और शुद्ध वातावरण मिल सके और प्रदूषण में भी कमी आ सके।’’ यह विचार पंजाब के वन और वन्य जीव सुरक्षा मंत्री श्री लाल चंद कटारूचक्क ने आज मोहाली के सैक्टर-68 में वन वर्करज़ यूनियन के नुमायंदों के साथ एक मुलाकात के दौरान प्रकट किये।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से फगवाड़ा-चंडीगढ़ राज मार्ग पर फलदार पौधे और फूल लगाए जाने की योजना पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की तरफ से ऐसे स्थानों का चयन किया जायेगा जहां पौधे लगाए जाने से ही उनकी अच्छी तरह देखभाल भी यकीनी बनाई जा सके।

रचनात्मक भूमिका निभाई जाये

ऐसे स्थानों में डिस्पैंसरियां, स्कूल और अस्पताल आदि शामिल हैं। इसके अलावा जहां कहीं भी ट्यूबवैल चल रहे हैं, वहाँ के मालिकों को 5-10 पौधे सौंपे जाएंगे जिससे पंजाब में हरियाली अधीन क्षेत्र में अच्छा विस्तार हो सके। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि इस काम में ज़िला वन अधिकारी (डी.एफ़.ओ.) की तरफ से रचनात्मक भूमिका निभाई जाये।

यूनियन के नुमायंदों की अलग-अलग माँगों गौर से सुनते हुए मंत्री ने कहा कि जहां तक दर्जा-4 से दर्जा-3 में पदोन्नती किये जाने का सम्बन्ध है तो इस सम्बन्धी आज ही 11 फारेस्ट गार्डों, 7 क्लर्कों और 2 ड्राईवरों को पदोन्नत किये जाने के हुक्म जारी किये गए हैं और फारेस्ट गार्डों के सम्बन्ध में कम से कम कद की शर्त में छूट देते हुए इसको 167 सै. मी. से 165 सै.मी. तक कर दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि साल-2006 में विभाग की नौकरी करते हुए 10 साल पूरे करने वाले 72 कर्मचारियों को पक्के करने की प्रक्रिया सरकार के विचाराधीन है।

गंभीरता से विचार किया जा रहा

दूसरे मुद्दों संबंधी मंत्री ने स्पष्ट किया कि जहां तक अलग-अलग स्कीमों के अधीन किसी भी कारण रुके वेतनों का सवाल है, तो 31 मार्च तक इनकी अदायगी कर दी गई है जबकि अप्रैल और मई की बाकी वेतनों की अदायगी जून में कर दी जायेगी। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार की तरफ से विभाग के काम के रेटों का बनता बकाया कर्मचारियों को 31 मार्च तक 1 किश्त के रूप में अदा कर दिया गया है और काम के रेटों में संशोधन करने पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

भ्रष्टाचार सम्बन्धी मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस बीमारी को बिल्कुल भी बरदाश्त नहीं किया जायेगा और इस सम्बन्धी किसी भी किस्म की कोई भी शिकायत करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि हर वर्कर का ई.पी.एफ. फंड काटे जाने का मुद्दा भी विचाराधीन है।

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