स्कूली शिक्षा को गुणावत्तापूर्वक और मानक बनाने के लिए स्कूल प्रमुख स्टाफ की सहायता से जुगतबंदी बनाएं: मीत हेयर

Daily Samvad
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डेली संवाद, चंडीगढ़
शिक्षा की क्रांति लाने के लिए अध्यापक वर्ग का कीमती योगदान होगा। सरकारी स्कूलों में मेरिट से चुने हुए अध्यापक भर्ती होते हैं और वह अपनी बेहतर पढ़ाने की तकनीकों से स्कूली शिक्षा को और गुणवत्तापूर्वक और मानक बना सकते हैं। स्कूल प्रमुख अपने स्टाफ की सहायता से बढ़िया जुगतबंदी करके बच्चों में आत्म-विश्वास बढ़ा कर गुणवत्तापूर्वक शिक्षा प्रदान कर सकते हैं।

यह बात आज शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने स्कूल शिक्षा विभाग के ऐजूसैट्ट के द्वारा पंजाब के समूह ज़िला शिक्षा अफ़सरों (सेकंडरी और एलिमेंट्री शिक्षा), डायट प्रिंसिपल, ब्लॉक प्राइमरी शिक्षा अफ़सरों, सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल, मुख्य अध्यापक और इंचार्जों के साथ शिक्षा सुधारों सम्बन्धी पहली मीटिंग के दौरान कही।

शिक्षा सुधारों के लिए सुझाव माँगे गए

शिक्षा मंत्री ने समूह अधिकारियों और स्कूल मुखियों से शिक्षा सुधारों के लिए सुझाव माँगे गए हैं और वह एक बार फिर याद करवाते हैं कि यह सुझाव स्कूल प्रमुख अपने स्कूल के अध्यापकों और अन्य कर्मचारियों, विद्यार्थियों और उनके माता-पिता के साथ राय-मश्वरा करके दें।

शिक्षा मंत्री श्री मीत हेयर ने कहा कि वह सरकारी स्कूलों में लगातार दौरे पर जा रहे हैं और उन्होंने दिल्ली के स्कूलों में भी अपनी टीम के साथ दौरा किया है। उन्होंने दिल्ली के बढ़िया कामों को भी साझा किया। उन्होंने पंजाब के स्कूलों में दौरों के दौरान अच्छे अनुभवों की तारीफ़ की और साथ यह भी कहा कि इन स्कूलों में गुणवत्तापूर्वक शिक्षा के लिए और किये जा सकने वाले प्रयासों की ज़रूरत को भी दरकिनार नहीं किया जाना चाहिए।

नान-टीचिंग काम नहीं लिया जायेगा

उन्होंने स्कूलों में बच्चों का सीखने स्तर पता लगाने के लिए अध्यापकों को अपने बच्चों की बेस लाइन जांच इमानदारी के साथ रिकार्ड करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि बेस लाइन जांच की विभाग की तरफ से फीडबैक लेने के लिए विशेष टीमें गठन करके समीक्षा करवाई जायेगी। मीत हेयर ने मीटिंग के दौरान यह बात भी दोहराई कि पंजाब सरकार की भावी योजना है कि अध्यापकों से किसी किस्म का नान-टीचिंग काम नहीं लिया जायेगा।

शिक्षा मंत्री ने पिछले दिनों शिक्षा विभाग की वैबसाईट पर स्कूल मुखियों से शिक्षा सुधार के लिए सुझाव माँगे गए थे, उसमें कुछ स्कूल मुखियों के प्राप्त हुए सुझावों को भी पढ़ा और मुखियों की तरफ से पोर्टल पर दिए जा रहे अच्छे जवाबों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि वह सभी सुझावों को निजी तौर पर भी पढ़ रहे हैं और इन पर विचार करके ही नयी नीति तैयार की जायेगी। उन्होंने कहा कि विभाग की वैबसाईट पर माँगे गए सुझावों की तारीख़ में 31 मई, 2022 तक का विस्तार कर दिया गया है।

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https://youtu.be/Jzk01qsJ5CQ













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