इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में साजिश, धांधली और सस्पैंशन PART-3: सीनियर सहायक ने LDP कोटे का प्लाट आखिर किस तरह से पत्नी के नाम करवाया, अजय मल्होत्रा का क्या है आरोप, पढ़ें तमाम दस्तावेजों के साथ बड़ी रिपोर्ट

Daily Samvad
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डेली संवाद, जालंधर
जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में साजिश, धांधली औऱ सस्पैंशन के पीछे कई अदृश्य शक्तियों का हाथ है। आपने इससे  पहले पढ़ा कि किस तरह से इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को कंगाल किया गया। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को घाटे में लाकर कुछ अफसर औऱ मुलाजिमों ने अपनी जेबे भरी। जेबें ही नहीं, बल्कि करोड़ों के प्लाट अपने रिश्तेदारों के नाम पर कौड़ियों के भाव अलाट करवा लिए। इसका खुलासा चीफ विजीलैंस अफसर की जांच में हुआ है।

कहते हैं कि ‘बात निकली है तो दूर तलक जाएगी’….. इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के सस्पैंड चल रहे सीनियर सहायक अजय मल्होत्रा ने एडीसी को चिट्ठी लिख कर इस साजिश का पर्दाफाश करने की कोशिश की है। चिट्ठी में इस सबके पीछे करतारपुर में ड्यूटी कर रहे संजीव कालिया पर आरोप लगाया गया है। संजीव कालिया कभी जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के अफसरों औऱ चेयरमैनों के चहेते बाबू थे।

कालिया को यहां से जाना पड़ा

लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब संजीव कालिया की चेयरमैन से नहीं बनी और कालिया को यहां से जाना पड़ा। फिलहाल संजीव कालिया इंप्रूवमेंट ट्रस्ट करतारपुर में ड्यूटी दे रहे हैं। अब इस पूरे मामले में संजीव कालिया का नाम फिर से उछला, संजीव कालिया पर आरोप है कि उन्होंने सस्पैंड चल रहे ईओ परमिंदर सिंह गिल के साथ मिलकर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट जालंधर को बदनाम करने की साजिश रची। यह आरोप अजय मल्होत्रा ने लगाए हैं।

अजय मल्होत्रा ने एडीसी को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। इस सब के पीछे करतारपुर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में नौकरी कर रहे संजीव कालिया का हाथ है। मल्होत्रा ने एडीसी को भेजी चिट्ठी में कहा है कि करतारपुर में नौकरी कर रहे संजीव कालिया आए दिन जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट दफ्तर में बैठे रहते हैं।

सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी जा सकती है

अजय मल्होत्रा ने आरोप लगाया है कि उन्हें डर है कि संजीव कालिया जालंधर दफ्तर में सरकारी फाइलों को खुर्दबुर्द कर रहे हैं। इसलिए संजीव कालिया को जालंधर दफ्तर में प्रवेश पर पाबंदी लगाई जाए। मल्होत्रा ने कहा है कि जिस समय ईओ परमिंदर सिंह गिल जालंधर में बतौर ईओ ज्वाइन किया, उस समय से संजीव कालिया की जालंधर दफ्तर में गतिविधियां बढ़ गई। सबूत के तौर पर दफ्तर में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी जा सकती है।

संजीव कालिया पर LDP का प्लाट लेने का आरोप

इंप्रूवमेंट ट्रस्ट जालंधर के सीनियर सहायक संजीव कालिया के खिलाफ इससे पहले एक मामले में कार्ऱवाई हो चुकी है। जब वे जालंधर में थे, तो उनके खिलाफ शिकायत हुई थी, जिससे सरकार ने नवांशहर में तबादला कर दिया है। उनकी चार्जशीट में गंभीर आरोप लगे। इसमें उन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर LDP कोटे वाले प्लाट की रजिस्ट्री करवाने समेत इंप्रूवमेंट ट्रस्ट और राजस्व विभाग को करीब 14.35 लाख रुपए के राजस्व का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। इसकी जांच खुद स्थानीय निकाय विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने की थी।

संजीव कालिया पर जो गंभीर आरोप लगाए गए हैं, उसमें एलडीपी कोटे के प्लाट की रजिस्ट्री खुद इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के सीनियर सहायक संजीव कालिया ने अपनी पत्नी उपमा कालिया के नाम करवा लिया। इस संबंध में जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के तत्कालीन ईओ जतिंदर सिंह ने एक रिपोर्ट डिप्टी डायरेक्टर स्थानीय निकाय विभाग को भेजी थी।

प्लाट के अदला-बदली का खेल

ईओ जतिंदर सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की विकास स्कीम 143.56 एकड़ में प्लांट नंबर 828 और विकास स्कीम 94.5 एकड़ में प्लाट नंबर 276 का उल्लेख है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्लाट संख्या 828 के एक कनाल रकबे को विकास स्कीम 43 एकड़ में अलाट किए गए प्लाट नंबर 204 के बदले अलाट किया गया था। इस प्लाट को दविंदर पाल कौर के नाम ट्रांसफर कर दिया गया।

ईओ की रिपोर्ट के मुताबिक 4 फरवरी 2010 को इस प्लाट के बैनामे के लिए इंप्रूवमेंट ट्रस्ट दफ्तर में अप्लाई किया गया। इस प्लाट को लेकर सीनियर सहायक संजीव कालिया ने अपने स्तर पर पटवारी को एक पत्र भेजकर खसरा नंबर मांगा गया, जबकि संजीव कालिया उस वक्त इस स्कीम को नहीं देख रहे थे। उस वक्त संजीव कालिया ने चेयरमैन से सीधे तौर पर इस प्लाट की रजिस्ट्री करवा दी।

नान कंस्ट्रक्शन फीस 14,35,350 रुपए गबन

ईओ ने रिपोर्ट में कहा है कि रजिस्ट्री करवाते समय इस प्लाट का नान कंस्ट्रक्शन फीस 14,35,350 रुपए जमा करवाया जाना था, लेकिन उस वक्त यह रकम नहीं जमा करवाई गई और सीधे रजिस्ट्री करवा दी गई। विकास स्कीम 94.5 एकड़ के प्लाट संख्या 276 के संबंध में यह प्लाट एलडीपी कोटे में मोहन देवी पत्नी भगवान दास को विकास स्कीम 110 के रिजर्व कीमत पर अलाट किया गया था।

अलाटी ने इसका मुख्तारनाम आम दीपक पुत्र मोहनलाल को मुकर्रर किया है। इसके बाद बगैर किसी औपचारिकता के ही इस प्लाट की रजिस्ट्री करवा दी गई। इस प्लाट को संजीव कालिया ने खरीद लिया, रिकार्ड के मुताबिक यह प्लाट संजीव कालिया की पत्नी उपमा कालिया के नाम पर है।

पढ़ें पूरा आरोप और चार्जशीट

मल्होत्रा के खिलाफ करेंगे मानहानि का मुकदमा: संजीव

उधर, संजीव कालिया ने कहा है कि उनके खिलाफ झूठी शिकायत की जा रही है। वे अजय मल्होत्रा के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करवाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पोस्टिंग करतारपुर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट है। कभी कोई सरकारी काम के लिए अगर जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट आना पड़ा होगा तो अलग बात है, मैं व्यक्तिगत तौर पर कभी भी जालंधर दफ्तर नहीं गया हूं।

वहीं, इस पूरे मामले में संजीव कालिया शुरू से ही आरोपों को नकारते आए हैं। संजीव कालिया के मुताबिक उन पर जो आरोप लगाए गए, वे निराधार है। उन्होंने अपना पक्ष सरकार को भेजा। उन्हें इसमें क्लीन चिट मिल गई है।

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