डेली संवाद, चंडीगढ़/लुधियाना
पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद सबसे ज्यादा झटका कांग्रेस को लगा है। कांग्रेस के कई पूर्व मंत्री और बड़े नेता जहां भाजपा में शामिल हो रहे हैं, वहीं कई कांग्रेसी पूर्व मंत्रियों के खिलाफ आम आदमी पार्टी की सरकार ने जांच शुरू करवा दी है। पूर्व मंत्री साधू सिंह धर्मसोत, संगत सिंह गिलजियां और तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के बाद अब पूर्व फूड एंड सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशू के खिलाफ विजिलेंस एफआईआर दर्ज कर सकती है।
ठेकेदारों की यूनियन ने आशू के कार्यकाल में 2000 करोड़ रुपए के टेंडरों में घपले का आराेप लगाया है। विजिलेंस ने एसएसपी स्तर के अधिकारी को जांच सौंपी है। विजिलेंस पता लगाएगी कि पंजाब की करीब 2500 मंडियों में लेबर और ट्रांसपोर्टेशन उपलब्ध करवाने के टेंडर्स पर 2017-18 में कितना खर्च आया और 2020 में कितना खर्च किया गया।
खर्च असामान्य होने पर पैसा किन लोगों की जेब में गया। आरोप सही पाए जाने पर विजिलेंस आशू के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगी। मंडियों में लेबर और ट्रांसपोर्टेशन उपलब्ध करवाने वाले ठेकेदारों की यूनियन का आरोप है कि 2019-2020 के बाद विभाग में टेंडर घोटाला हुआ।
मेरे खिलाफ आरोप निराधार: आशू
विजिलेंस के चीफ डायरेक्टर के ऑफिस ने लुधियाना विजिलेंस ब्यूरो के एसएसपी को जांच सौंपी है। ब्यूरो के 1 सीनियर अधिकारी ने ये पुष्टि की। आशू बोले- आरोप निराधार हैं। सरकार जांच करवा लें। जिलों के टेंडर डीसी के नेतृत्व में गठित कमेटियों ने अलॉट किए थे। इस समय साजिश के तहत आरोप लगाए गए ताकि कुछ न होते हुए भी विजिलेंस कार्रवाई में जुट जाए।
5 हजार छोटे ठेकेदारों को किया दरकिनार
शिकायतकर्ता लेबर और ट्रांसपोर्ट के छोटे ठेकेदारों की यूनियन के प्रधान गुरप्रीत सिंह ने बताया, 3 साल तक लेबर कॉटेज, लेबर पीईजी व ट्रांसपोर्ट के टेंडरों में 5000 छोटे ठेकेदारों को दरकिनार कर चहेते 20-25 बड़े ठेकेदारों को मनमाने रेट पर ठेके अलॉट किए गए। यूनियन ने कहा, कोरोनाकाल के दौरान 2019-20 में अचानक विभाग ने टेंडर के रेट्स दोगुने कर दिए गए।