डेली संवाद, चंडीगढ़
प्लाटों की रजिस्ट्रेशन को सुचारू बनाने और जायदाद से सम्बन्धित धोखाधड़ी से लोगों को बचाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने गैर-कानूनी/अनाधिकृत कालोनियों में प्लाटों की रजिस्ट्रेशन सम्बन्धी सब- रजिस्ट्रारों को स्पष्ट हिदायतें जारी की हैं।
आवास निर्माण और शहरी विकास और स्थानीय निकाय विभागों को कहा गया है कि वह क्षेत्र के विवरणों, खसरा नंबरों और प्रवानित ले-आउट योजना के साथ-साथ लायसेंसशुदा/अधिकारित कालोनियों/स्कीमों से सूचियां प्रकाशित करें जिससे ऐसा क्षेत्र स्पष्ट तौर पर परिभाषित किया जा सके जहां सेल डीड या अधिकारों के तबादले से सम्बन्धित दस्तावेजों की रजिस्ट्रेशन के लिए एन. ओ. सी. की जरूरत नहीं है।
जांच करने के बाद सेल डीडज़ को रजिस्टर करेंगे
यह सूचियां सभी सब-रजिस्ट्रारों के पास उपलब्ध होंगी और वह राजस्व विभाग की तरफ से जारी हिदायतों अनुसार कालोनियों की स्थिति की जांच करने के बाद सेल डीडज़ को रजिस्टर करेंगे। यह फैसला मुख्यमंत्री की तरफ से ऑनलाइन पोर्टल “https://grcs.punjab.gov.in” की शुरुआत करने के कुछ दिन बाद आया है जिसमें नागरिक प्लाटों के कब्जे से सम्बन्धित शिकायतें दर्ज करवा सकते हैं।
यह विलक्षण ऑनलाइन पोर्टल जायदाद के कब्जे सम्बन्धी प्रक्रिया को तेज करने के साथ-साथ उचित ढंग से जायदाद के कब्जे सम्बन्धी सेवाएं प्रदान करेगा। इससे पहले सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट हिदायतें नहीं दीं गई थीं, जिस कारण शहरों के बाहर यह नाजायज कालोनियां अस्तित्व में आईं। जानकारी अनुसार पिछले 5 सालों में 15 हजार से अधिक कालोनियों का निर्माण हुआ है।
गैर-कानूनी कालोनियों में कब्जा तक नहीं मिलता
पंजाब के नागरिकों को इन गैर-कानूनी/ अनाधिकृत कालोनियों में जायदादों का कब्जा लेने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था, जहां या तो सम्बन्धित डिवैलपरों/ कालोनाईज़रों/ अथॉरिटीज़ की तरफ से अलाटमैंट पत्र जारी किये जा चुके थे या डीडज़ रजिस्टर्ड हो गई थीं परन्तु वह किसी न किसी कारण से जायदाद का कब्जा नहीं ले पा रहे थे।
पंजाब के राजस्व मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा ने कहा की यह गैर-कानूनी कालोनियां न सिर्फ राज्य के बेढंगे शहरीकरण का कारण बन रही हैं, बल्कि आम लोगों को बहुत सी मुश्किलों का कारण भी बन रही हैं। उन्होंने कहा की प्लाटों की खरीद करने के लिए लोगों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी और उनको इन गैर-कानूनी कालोनियों में कब्जा तक नहीं मिलता क्योंकि कालोनाईज़र इन कालोनियों में ‘रास्ते’ भी बेच देते हैं।
सख्ती से निपटने का फैसला किया
उन्होंने कहा की इन कालोनियों में जल सप्लायी, सिवरेज, बिजली आदि जैसी बुनियादी सहूलतों की भी कमी है। मंत्री ने कहा की अब मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार ने इस समस्या से सख्ती से निपटने का फैसला किया है और इस सम्बन्धी यह दो बड़े फैसले लिए गए हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव-कम-वित्त कमिश्नर राजस्व अनुराग अग्रवाल ने बताया की पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की जांच करने और जरूरत अनुसार आवेदनों पर कार्यवाही के लिए एक समर्पित सैल स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा की हर आवेदन की स्थिति पोर्टल पर अपडेट की जायेगी और सम्बन्धी व्यक्ति स्थिति जानने के लिए पोर्टल पर अपने आवेदन को ट्रेक भी कर सकता है।
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