डेली संवाद, संगरूर
Sangrur By Election 2022 Result: पंजाब में AAP के अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान को करारा झटका देकर 77 साल के सिमरनजीत सिंह मान (Simranjit Singh Mann) ने संगरूर सीट (Sangrur Seat) पर बड़ी जीत दर्ज की है। ये वही सीट है, जहां से पंजाब के मौजूदा मुख्यमंत्री भगवंत मान दो बार सांसद रह चुके हैं। भगवंत मान के सीएम बनने के बाद ये सीट खाली हुई थी।
शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के सिमरनजीत सिंह मान ने AAP का किला ध्वस्त कर दिया है। बड़ी बात यह है कि संगरूर सीएम भगवंत मान का गृह जिला है। यहां से आप प्रत्याशी गुरमेल सिंह की करारी हार आम आदमी पार्टी के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। हमेशा से बदलाव के साक्षी रहे संगरूर की जनता ने इस बार पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान पर विश्वास जताया है।
मान को संसद की सीढ़ियां चढ़ाई
सिमरनजीत सिंह मान अपनी पुलिस सर्विसस में आपरेशन ब्ल्यू स्टार से आहत होकर आईपीएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में कूदे थे। सिमरनजीत सिंह मान को राजनीति ने कई उतार-चढ़ाव भी देखने को मिले। 1945 को एक राजनीतिक घरानों में जन्में सिमरनजीत सिंह मान को पहली बार 1989 में तरनतारन की जनता ने संसद तक उस समय पहुंचाया था, जब वह जेल में बंद थे।
उस वक्त सिमरनजीत सिंह मान करीब 5 लाख वोट के अंतर से उन्होंने एकतरफा जीत हासिल की थी। उसके बाद संगरूर की जनता ने 1999 में अकाली व कांग्रेसी दिग्गजों को पिछड़कर मान को संसद की सीढ़ियां चढ़ाई।
संसद में कृपाण साहिब लेकर पहुंचे
सिमरनजीत सिंह मान संसद में भी कृपाण साहिब को साथ लेकर जाने को लेकर मान हमेशा विवादों में रहे हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने असूलों से समझौता नहीं किया। अगर सिमरनजीत सिंह मान के राजनीतिक करियर की बात करें तो 1999 के बाद उन्हें हमेशा जनता ने नकारा ही है, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में सिमरनजीत सिंह मान के हक में उतरे दीप सिद्धू समेत अन्य कलाकारों ने मान के हक में जमकर प्रचार किया था व चुनावों के दौरान दीप सिद्धू की मौत ने मान के हक में एक लहर भी चलाई थी।
हालांकि वह तब भी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से शिकस्त खा गए थे, लेकिन इस बार उन्होंने एक मंझे हुए राजनीतिज्ञ के तौर पर अपनी चुनाव मुहिम को चलाया, जिसने उन्हें जीत दिलाई। गौर हो कि सिमरनजीत सिंह मान का जन्म 20 मई 1945 में हुआ। उनके पिता लेफ्टिनेंट कर्नल जोगिंदर सिंह मान 1967 विधानसभा स्पीकर भी रहे। यहीं से उन्हें राजनीतिक गुड़ती मिली थी। शिरोमणि अकाली दल (अ) के प्रधान सिमरजीत सिंह मान ने 1989 में लोकसभा हलका तरनतारन से जीत दर्ज की थी।
1999 से लोकसभा हलका संगरूर से विजेता रहे। 23 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद सिमरनजीत सिंह मान को संगरूर लोकसभा सीट पर दोबारा जीत मिली है। सिमरनजीत सिंह मान ने 1966 में आईपीएस की परीक्षा पास की व 1967 में बतौर आईपीएस पुलिस फोर्स ज्वाइन की। पंजाब के फिरोजपुर, फरीदकोट समेत अन्य जिलों में एसएसपी के तौर पर तैनात रहे। डिप्टी डायरेक्टर विजीलेंस चंडीगढ़ तैनात रहे।
आपरेशन ब्लू स्टार से आहत हुए
सिमरनजीत सिंह मान ने 18 जून 1984 को अपने पद से इस्तीफा दिया था। 6 जून को आपरेशन ब्लू स्टार से वह बेहद आहत हो चुके थे। श्री हरमंंदिर साहिब पर हुई कार्रवाई ने सिमरनजीत सिंह मान को आहत कर दिया था, जिस कारण उन्होंने आपरेशन ब्लू स्टार के कुछ दिन के बाद ही इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने के बाद उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया था, जिसके बाद उन्हें कई राज्यों की जेलों में भी रखा गया था। वर्ष 1989 में जेल में ही वह सांसद का चुनाव जीत गए थे। पुलिस ने विभिन्न मामलों में करीब 30 बार उन्हें गिरफ्तार किया था।
पंजाब में क्यों ध्वस्त हुआ AAP का किला। संगरूर हार का क्या है कारण, देखें VIDEO
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