एक तरफ जनता को फ्री बिजली देने का करते हैं एलान, दूसरी तरफ सिक्योरिटी के नाम पर कर रहे हैं पैसे वसूल: गुप्ता

Daily Samvad
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डेली संवाद, चंडीगढ़
Punjab BJP News: भाजपा प्रदेश महासचिव जीवन गुप्ता ने पंजाब की भगवंत मान सरकार द्वारा जनता को बिजली के बिलों में मोटी सिक्योरिटी की राशि लगा कर भेजे जाने पर मान सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान तथा वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने पंजाब की जनता को 1 जुलाई से 300 यूनिट प्रति महीना मुफ्त देने की घोषणा कर जहाँ जनता को मुर्ख बनाया, वहीं जनता को बिजली के बिलों में सिक्योरिटी की मोटी राशि लगा कर भेजी जा रही है।

जीवन गुप्ता ने कहा कि लोगों को आ रहे बिलों में 20,000 से 25,000 हजार रुपए तक सिक्योरिटी के नाम पर लगाए गए हैं। जब लोग बिजली विभाग से इस संबंध में पूछताछ करने जाते हैं और बोलते हैं कि जब बिजली विभाग ने हमारा मीटर लगाया था तो उस समय सिक्योरिटी की राशि जमा करवाई गई थी, तो बिजली विभाग के कर्मचारी उन्हें कहते हैं कि अगर आपके कोई रसीद है तो लाकर दिखाओ, अन्यथा यह राशि जमा करवानी पड़ेगी।

जनता में इस मामले को लेकर बहुत रोष है

जीवन गुप्ता ने कहा कि जनता में इस मामले को लेकर बहुत रोष है। उन्होंने कहा कि जब बिजली विभाग के पास लोगों के घरों में बिजली के मीटर लगवाने के लिए एप्लीकेशन जाती है तो उस समय अन्य खर्चों के अलावा बिजली विभाग द्वारा मीटर के लिए ली जाने वाली सिक्योरिटी की राशि भी उपभोक्ता द्वारा जमा कारवाई जाती है। उसके बाद सारी कागजी करवाई पूरी होने के बाद किसी भी उपभोक्ता के घर में बिजली का मीटर विभाग द्वारा लगाया जाता है।

इतना ही नहीं बिजली विभाग अपने मीटर के लिए उपभोक्ता से हर महीने बिजली के बिल के माध्यम से एक निश्चित किराया और अन्य खर्चे भी वसूल करता है, जिसकी सारी डिटेल बिल में लिखी होती है। जीवन गुप्ता ने कहा कि पंजाब में चुंगी टैक्स कई सालों से खत्म हो चुका है, जबकि बिजली विभाग द्वारा जारी किए जा रहे बिलों में आज भी चुंगी का खर्चा लग कर आ रहा है और यह भी बिल में स्पष्ट लिखा हुआ होता है।

सिक्योरिटी की राशि जमा करवानी ही पड़ेगी

जीवन गुप्ता ने कहा कि पंजाब सरकार ने जनता को 300 यूनिट मुफ्त देने की घोषणा के साथ ही लोगों को लूटने का नया तरीका भी निकाल लिया है। क्यूंकि बिजली विभाग उपभोक्ता को नया कनेक्शन जारी करने के समय उपभोक्ता द्वारा जमा करवाए गए पैसों की जो रसीद देता है उसमें कितने पैसे किसके लिए लिए गए हैं इसका कोई विवरण नहीं होता। इसलिए कोई भी तत्कालीन या मौजूदा उपभोक्ता सिक्योरिटी की राशि की रसीद नहीं दिखा सकता। इसलिए मजबूरन उसे बिजली विभाग द्वारा वसूली जाने वाली सिक्योरिटी की राशि जमा करवानी ही पड़ेगी।




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