डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर नगर निगम के सहायक कमिश्नर के पद पर काम कर रहे राजेश खोखर की नियुक्ति पर सवाल खड़े हो गए हैं। कानून विशेषज्ञों का मानना है कि राजेश खोखर का तबादला ही गलत हुआ है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि नगर निगम में पीसीएस अफसर के होते हुए खोखर को उन विभागों की जिम्मेदारी सौंप दी गई, जो ज्वाइंट कमिश्नर स्तर के अधिकारी के पास होना चाहिए।
नगर निगम के पूर्व विशेषज्ञ के मुताबिक राजेश खोखर एक्जीक्यूटव अफसर (EO) के पद पर तैनात थे। पंजाब म्युनिसिपल एक्ट के तहत किसी भी नगर कौंसिल का ईओ सीधे नगर निगम में ट्रांसफर ही नहीं हो सकता है। इस संबंध में जब पूर्व कानून अधिकारी वरिंदर खन्ना से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राजेश खोखर का तबादला ही गलत हुआ है।
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आपको बता दें कि राजेश खोखर का जहां तबादला गलत किया गया है, वहीं नगर निगम के कमिश्नर दविंदर सिंह ने उन्हें असिस्टैंट कमिश्नर का कामकाज सौंप दिया, जबकि ये गलत है। अगर कोई इन तबादलों के खिलाफ हाईकोर्ट में चला जाए तो ये तबादले रद्दे हो सकते हैं।
आपको बता दें कि पिछले दिनों सरकार ने नगर कौंसिल, इंप्रूवमेंट ट्रस्ट और नगर निगमों में बड़े स्तर पर तबादले किए थे। इसमें राजेश खोखर का तबादला जालंधर नगर निगम किया गया। अब इस तबादले को ही गलत बताया जा रहा है।
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