डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर में सरेआम लाखों रुपए की वसूली का खेल चल रहा है। न मानो तो दिलकुशा मार्केट के साथ चार मंजिला कामर्शियल इमारत को देख सकते हैं। इस चार मंजिला कामर्शियल इमारत में करीब 200 दुकानें बन रही हैं, जबकि इसका नगर निगम ने कामर्शियल नक्शा पास ही नहीं किया है। अवैध रूप से इसे बनवाने का ठेका निगम के अधिकारी ने ही लिया है। सूत्र बता रहे हैं कि 200 अवैध दुकानें बनवाने के नाम पर तीन अधिकारियों ने करीब 30 लाख रुपए की वसूली की है। इसमें एक इंस्पैक्टर, एटीपी और एक उच्च अधिकारी का नाम सामने आ रहा है।
जालंधर नगर निगम मुख्यालय के ठीक सामने अवैध रूप से 200 दुकानों की कामर्शियल इमारत बनाई जा रही है, लेकिन नगर निगम के एटीपी और इंस्पैक्टर इस पर कोई कार्ऱवाई नहीं कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक प्लाजा होटल के मालिक ने खंडहर हो चुकी बिल्डिंग बेच दिया। इसे खरीदने वाले शख्स ने नगर निगम से 4 मरले में घर बनवाने का नक्शा पास करवाया। इस 4 मरले घर के पास नक्शे पर कई मरले एरिया में चार मंजिला कामर्शियल इमारत खड़ी की जा रही है। इसमें करीब 200 दुकानें बन रही हैं।
इसे भी पढ़े: सैंट सोल्जर ग्रुप के मालिक अनिल चोपड़ा, गीता मंदिर के प्रधान राजेश समेत जालंधर की इन महान हस्तियों ने सरकार को लगा दिया अरबों रुपयों का चूना, FIR दर्ज करने के आदेश
नगर निगम के ही एक अधिकारी बताते हैं कि प्लाजा होटल गली में बना हुआ है। उस गली में न तो सीएलयू हो सकती है और न ही किसी तरह से कामर्शियल निर्माण किया जा सकता है। प्लाजा होटल खरीदने वाले शख्स ने नगर निगम के एक उच्च अधिकारी के साथ एक एटीपी और एक इंस्पैक्टर को 30 लाख रुपए की रिश्वत दी। इसके बाद अवैध रूप से 200 दुकानों वाली कामर्शियल इमारत बनाना शुरू कर दिया।
कामर्शिल इमारत में बन रही 200 दुकानों का सौदा
बिल्डिंग ब्रांच के एक अन्य अधिकारी बताते हैं कि अगर ये सीएलयू के नियम के अनुसार होता तो नगर निगम के खजाने में 2 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम जमा होती है। एक तरह से 2 करोड़ रुपए का नगर निगम को नुकसान हो रहा है। प्लाजा होटल को गिराकर नए सिरे से कामर्शिल इमारत में बन रही 200 दुकानों को सौदा भी हो गया है। ये दुकाने दिलकुशा मार्केट के कई दवा व्यापारियों ने खरीदने के लिए बयाना भी कर दिया है।
उधर, इस संबंध में नगर निगम के असिस्टैंट कमिश्नर राजेश खोखर के पास शिकायत भी पहुंची है। राजेश खोखर ने कहा है कि इसकी रिपोर्ट बिल्डिंग ब्रांच से मांगी गई है। उन्होंने कहा कि इसके लिए एमटीपी नीरज भट्टी से पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। पता यह भी चला है कि इलाके के एटीपी और इंस्पैक्टर ने इस इमारत को रुकवाने को लेकर कई बार चक्कर भी लगा चुके हैं। लेकिन अवैध रूप से बन रही ये इमारत रुकवाई नहीं गई।
जालंधर में सरेआम रिश्वतखोरी, अवैध कामर्शियल इमारतों से वसूली, देखें
https://www.youtube.com/watch?v=HUtluS3r-Ls