Jalandhar Smart City Scam: विधायक रमन अरोड़ा का ‘नायक’ अवतार, चौकों का मुआयना करते बोले-पब्लिक के खून पसीने वाला टैक्स अफसरों ने लूटा, एक-एक पैसे की रिकवरी कराऊंगा

Daily Samvad
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डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar Smart City Scam: जालंधर स्मार्ट सिटी के 1000 करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट में धांधली की शिकायत के बाद अब सैंट्रल हलके के विधायक रमन अरोड़ा एक्शन में है। विधायक रमन अरोड़ा ने आज नगर निगम के एसई रजनीश डोगरा और स्मार्ट सिटी के इंजीनियरों के साथ उन चौकों का निरीक्षण किया, जहां 8 करोड़ रुपए से विकास करने का दावा किया जा रहा है।

विधायक रमन अरोड़ा ने कहा कि स्मार्ट सिटी के कामों में जमकर धांधली की गई है। इसे लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान और स्थानीय निकाय मंत्री इंदरबीर सिंह निज्जर को लिखित में शिकायत कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि आज कंपनी बाग, ज्योति चौक, कपूरथला चौक, एचएमवी चौक का मुआयना किया, जहां 8 करोड़ रुपए खर्चने का दावा किया गया है।

करोड़ों रुपए की धांधली

विधायक रमन अरोड़ा ने कहा कि इन चौकों के सौंदर्यीकरण के नाम पर 21 करोड़ रुपए का एस्टीमेट इन्हीं इंजीनियरों ने बना डाला, जबकि अब 8 करोड़ रुपए में काम करवाने का दावा कर रहे हैं। एसे में पहले 21 करोड़ का एस्टीमेट ही गलत बनाया गया। जिस भी इंजीनियर ने यह एस्टीमेट बनाया, उसकी मंशा साफ थी कि वे सभी इसमें करोड़ों रुपए की धांधली कर चुके हैं।

आपको बता दें कि जालंधर सैंट्रल हलके के विधायक रमन अरोड़ा ने ही स्थानीय निकाय मंत्री इंदरबीर सिंह निज्जर ने शिकायत की थी कि स्मार्ट सिटी के 21 करोड़ रुपए से शहर के चौकों का सौंदर्यीकरण और विकास काम में जमकर धांधली हुई है। जांच में पता चला कि इस काम को बाद में घटाकर 8 करोड़ का कर दिया गया। सबसे बड़ी हैरानी यह है कि नगर निगम के जेई से लेकर एसडीओ, एक्सईएन, एसई और स्मार्ट सिटी के प्रोजैक्ट हैड ने आखिरकार 21 करोड़ का एस्टीमेट बनाया ही क्यों?

विधायक रमन अरोड़ा ने कहा है कि जनता की गाढ़ी कमाई को कुछ अफसर लूट रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन चौकों पर एक-एक करोड़ रुपए खर्च करने का दावा किया गया है, वहां घास तक नहीं है। कांग्रेस की सरकार में खुलेआम लूट हुई है। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट अफसर जेल जाएंगे, उनसे एक-एक पैसा रिकवरी किया जाएगा।

एस्टीमेट घटाकर 8 करोड़ कर दिया

सूत्र बता रहे हैं कि एक ठेकेदार से मिलकर स्मार्ट सिटी के प्रोजैक्ट हेड, नगर निगम के इंजीनियर ने 21 करोड़ का एस्टीमेट बना डाला। सरकार बदलने के बाद नगर निगम के इंजीनियरों में खौफ आ गया। क्योंकि तब तक मुख्यमंत्री भगवंत मान ने करप्शन के खिलाफ जंग छेड़ दी थी, इसके बाद इस काम पर सांसद ने भी आपत्ति जताई। इसके बाद इसका एस्टीमेट घटाकर 8 करोड़ कर दिया गया।

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यानि 8 करोड़ में होने वाले काम का 21 करोड़ का एस्टीमेट बनाकर करीब 13 करोड़ रुपए हजम करने का प्लान था। फिलहाल यह जांच का विषय है। विधायक रमन अरोड़ा की शिकात के बाद स्थानीय निकाय मंत्री इंदरबीर सिंह निज्जर ने इसकी जांच स्मार्ट सिटी के नए सीईओ दविंदर सिंह को सौंपी है, इसके बाद रमन अरोड़ा ने आज अचानक मौके पर मुआयना किया।

बूढ़े इंजीनियर’ को 20 लाख की MG Hector गाड़ी गिफ्ट

स्मार्ट सिटी और नगर निगम के दफ्तरों में चर्चा है कि 21 करोड़ के काम को 8 करोड़ में बदलने वाले इंजीनियरों ने जमकर मलाई काटी है। यही नहीं, इंजीनियर भले ही 8 करोड़ का काम करवाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन असल में वहां करीब 5 करोड़ रुपए से ही काम हुए है। इसमें भी करीब 3 करोड़ रुपए की धांधली हो रही है। माना जा रहा है कि इसी ठेकेदार ने स्मार्ट सिटी के एक ‘बूढ़े इंजीनियर’ को 20 लाख की MG Hector गाड़ी गिफ्ट की है।

चेले के कई बैंक खाते, करीब 90 लाख जमा

सूत्र बता रहे हैं कि स्मार्ट सिटी के इसी बूढ़े इंजीनियर ने चेले के चार बैंक खाते में करीब 90 लाख रुपए जमा है। कहा जा रहा है कि 25 हजार रुपए की नौकरी करने वाले इस चेले ने अपने ही परिवार के एक और सदस्य को नौकरी दिलवाई, इस सदस्य के खाते में 15 लाख रुपए कैश बताए जा रहे हैं। नियम और शर्तों के आधार पर जो कंपनी स्मार्ट सिटी में काम करने आई थी, उसे इन्हीं बूढे इंजीनियर और इनके चेले ने एक उच्च अधिकारी के साथ मिलकर भगा दिया और बाद में उच्च अधिकारी के साथ मिलकर अपनी ही कंपनी बना डाली।

निगम का भट्ठा बैठाने वालों को स्मार्ट सिटी की कमान

जालंधर स्मार्ट सिटी बारे केंद्र सरकार तक जो फीडबैक पहुंचाया जा रहा है, उसमें अफसरों की भर्तियों संबंधी स्कैंडल भी शामिल है। आरोप है कि चंडीगढ़ में पूरी तरह सैटिंग करने के बाद नगर निगमों से रिटायर हुए अधिकारियों को स्मार्ट सिटी में भर्ती कर लिया गया। जिन अधिकारियों पर निगम में रहते करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप लगे, उन्हें दोबारा मलाईदार पदों पर नौकरी दे दी गई।

उन्होंने स्मार्ट सिटी में भी निगमों जैसा माहौल पैदा कर दिया और अपने चहेते ठेकेदार फिट करके खूब गोलमाल किया। अफसरों ने सवा सवा लाख वेतन तो लिया पर कभी साइट विजिट नही की जिस कारण ज्यादातर प्रोजेक्टों में जमकर घटिया मटेरियल का इस्तेमाल हुआ। आपको बता दें कि पिछले दिनों केंद्र सरकार की प्रतिनिधि साध्वी निरंजन ज्योति ने स्मार्ट सिटी जालंधर से जुड़े कामों का निरीक्षण किया। उन्होंने भी धांधली के आरोप लगाए हैं।

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https://www.youtube.com/watch?v=VMGI4M07n_I













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