डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: नगर निगम मुख्यालय के ठीक सामने चार फुट की गली में अवैध रूप से बने प्रगति होटल पर इंस्पैक्टर, एटीपी, एमटीपी और एसटीपी कोई कार्ऱवाई नहीं कर रहे हैं। जबकि पिछली सरकार के समय तैनात रहे एमटीपी और एटीपी व इंस्पैक्टर ने मिलकर प्रगति होटल को खड़ा करवा दिया। चार मंजिला इस होटल का न तो नक्शा पास है, न ही किसी तरह से सीएलयू हुआ है, जिससे भगवंत मान की सरकार को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।
शहर में होटल बनाने के लिए कई शर्तो को पूरा करना होता है। अवैध रूप से बने प्रगति होटल एक भी शर्त पूरी नहीं करता है। न तो इस होटल का कोई नक्शा है, न ही किसी तरह से फायर ब्रिगेड की एनओसी और न ही किसी अन्य महकमे की एनओसी प्रगति होटल के पास है, फिर भी निगम अधिकारियों की मेहरबानी से चार मंजिला होटल खड़ा हो गया है।
होटल पूरी तरह से अवैध, फिर भी कार्ऱवाई नहीं
नगर निगम से रिटायर हो चुके बिल्डिंग ब्रांच के टेक्निकल एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर प्रगति होटल में कोई हादसा होता है, लोगों की जान बचना मुश्किल है। क्योंकि यह होटल पूरी तरह से अवैध है। न तो यहां फायर सेफ्टी के कोई प्रबंध किए गए हैं, न ही कोई रोड है। एक चार फुटी गली में चार मंजिला होटल बनाकर लोगों को जान को सांसत में डाला गया है।
आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद लोगों में उम्मीद जगी थी कि करप्शन पर एक्शन होगा, लेकिन जालंधर में अभी तक किसी भी करप्ट अधिकारी पर न तो कोई एक्शन हुआ है और न ही करप्शन रुका है। जिससे करप्ट अधिकारियों की मौज है। नगर निगम के बिल्डिंग ब्रांच से कई अधिकारियों औऱ इंस्पैक्टरों को बदला गया था, लेकिन इन इंस्पैक्टरों औऱ अधिकारियों की पहुंच अफसरों में इतनी ऊपर है कि ये फिर से जालंधर वापस आ गए। जिससे मुख्यमंत्री भगवंत मान की करप्शन के खिलाफ लड़ाई के दावे खोखले साबित होते दिख रहे हैं।
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नगर निगम मुख्यालय के गेट के ठीक सामने थोड़ी दूर पर प्रगति होटल करप्ट सिस्टम का नायाब नमूना है। चार फुट गली में अंदर चार मंजिला होटल बनना अपने आप में ही एक अनोखी बात है। प्रगति होटल का न तो कोई नक्शा है, न ही किसी तरह की सेफ्टी सर्टिफिकेट, न ही फायर की एनओसी, बावजूद यहां निगम के अधिकारियों की मेहरबानी से चार मंजिला होटल चल रहा है। प्रगति होटल में कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
प्रगति होटल को बनवाने वाले वही, एटीपी और इंस्पैक्टर है, जिसने फगवाड़ा गेट में अवैध रूप से कई दुकानें औऱ शोरूम बनवाने का ठेका लिया। चार मंजिला प्रगति होटल से एक एटीपी और इंस्पैक्टर ने लाखों रुपए रिश्वत की वसूली की है। इसकी भनक उच्च अधिकारियों और एक नेता को है, जिसने इस एटीपी के जरिए लाखों रुपए वसूली करवाई।
शिकायत दबा रहे हैं सहायक कमिश्नर
हैरानी की बात तो यह है कि अफसर बदलने के बाद जब प्रगति होटल की शिकायत नए सहायक कमिश्नर राजेश खोखर से किया गया तो उन्होंने, कहा कि इसकी जांच करवाएंगे। लेकिन एक सप्ताह होने के बाद न तो कोई जांच के आदेश दिए और न ही अवैध रूप से बने प्रगति होटल के खिलाफ कोई कार्ऱवाई शुरू की।
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