Advertising Scam in Jalandhar: मेयर जगदीश राजा ने विज्ञापन घोटाले में उठाया बड़ा कदम, CM को लिखी चिट्ठी, कहा- करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है, जांच करवाई जाए

Daily Samvad
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डेली संवाद, जालंधर। Advertising Scam in Jalandhar: डेली संवाद में लगातार विज्ञापन घोटाले की खबरें प्रकाशित होने के बाद आखिरकार मेयर जगदीश राजा ने बड़ा कदम उठाया है। जालंधर नगर निगम में बिना टैंडर के चहेती कंपनी को करोड़ों रुपए का विज्ञापन ठेका दिए जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। बिना टैंडर के विज्ञापन का ठेका दिए जाने का मेयर जगदीश राजा ने कड़ा संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिख कर जांच करवाने की मांग की है।

मेयर जगदीश राजा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को भेजे पत्र में कहा है कि बंद कमरे में बिना टैंडर के ही एक खास ठेकेदार को करोड़ों रुपए का विज्ञापन का ठेका देना गलत है, इसमें बड़े घोटाले की बू आ रही है। जिससे इस पूरे मामले की सरकार जांच करवाए। उन्होंने कहा कि मामले की जांच करवा कर टैंडर को रद्द किया जाए औऱ संबंधित अधिकारी और ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

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आपको बता दें कि इससे पहले पूर्व मेयर सुनील ज्योति ने भी इसका बड़ा विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि बिना टैंडर के ठेका देना सरकार बेईमानी है, इसका मतलब यही है कि किसी खास ठेकेदार को फायदा पहुंचाया जा रहा है। यही नहीं, इसे लेकर डेली संवाद ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी।

यह है मामला

नगर निगम के अधिकारियों ने बिना ई-टेंडरिंग और ई-नीलामी करवाए मॉडल टाउन जोन के 26 यूनिपोल्ज का ठेका बंद कमरे के अंदर जालंधर की नई कंपनी कंपैक्ट एडवरटाइजिंग को देते हुये पंजाब सरकार की आउटडोर विज्ञापन पॉलिसी पर बड़ा बट्टा लगाया। इसी साल मार्च में विज्ञापन ठेका खत्म होने के बाद पुरानी क्रिएटिव कंपनी को 10 प्रतिशत बढ़ाकर नया ठेका दे दिया गया था, लेकिन अब नई कंपैक्ट कंपनी को रेट बढ़ाकर बंद कमरे में ठेका अलॉट कर दिया।

सूत्रों के मानी तो यह ठेका 5 साल के लिये लगभग 5 करोड़ रुपये में हुआ है जबकि कुछ कंपनियां ऐसी भी थी जो इससे ज्यादा ऑफर कर रही थीं। साल 2018 में सरकार द्वारा जारी आउटडोर एडवरटाइजिंग पॉलिसी में प्रावधान है कि नगर निगम हाउस से प्रस्ताव की मंजूरी के बाद टेंडर या ई-ऑक्शन के माध्यम से विज्ञापन ठेका किसी को दिया जा सकता है।

बता दें कि साल 2017 में ​निगम ने क्रिएटिव डिजाइनर्स को मॉडल टाउन जोन के 59 यूनिपोल के विज्ञापन का ठेका 8.88 करोड़ में दिया था जो 5 साल के लिये था। ठेका कंपनी ने 26 यूनिपोल से कमाई की और बाद में हाईकोर्ट में केस कर 2019 के अंत में 33 और यूनिपोल लगाकर कमाई शुरु कर दी।

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जिसके बाद निगम अधिकायियों और पार्षदों में काफी विवाद हुआ था। टेंडर के अनुसार मार्च में 26 यूनिपोल के 5 साल को दिये ठेके की अवधि पूरी हो गई, जबकि बाद में लगाये 33 यूनिपोल का टेंडर 2024 तक पूरा होना है। तब मार्च में पूर्व कमिश्नर ने क्रिएटिव डिजायनर्स को ठेका दे दिया था लेकिन जुलाई के अंत में निगम कमिश्नर ने बगैर कोई टैंडर करयो क्रिएटिव​ डिजायनर्स से ठेका लेकर जालंधर की कंपैक्ट एडवरटाइजिंग नाम की फर्म को दे दिया। जबकि ठेका के बेहतर रेट के लिये टेंडर के जरिये इच्छुक कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा का प्रावधान है जिसे नजर अंदाज किया गया।

जोशी और कपूर के बीच जंग, दोनों करोड़ों कमा रहे हैं

नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक दो लोगों के बीच करोड़ों रुपए की जंग है। कहा जा रहा है कि जोशी नामक एडवरटाइजर अधिकारियों के साथ मिलकर पूरे शहर का ठेका ले रहा है। जबकि दूसरी तरफ कपूर नामक शख्स ये ठेके हासिल करना चाहता था। यह लड़ाई पिछले कई साल से चली आ रही है। लेकिन पलड़ा हमेशा जोशी का भारी रहा है।

चूंकि जोशी को पुराना खिलाड़ी बताया जा रहा है। जोशी को कांग्रेस और भाजपा का पूरा आशीर्वाद प्राप्त है। जिससे जोशी ने अधिकारियों के साथ मिलकर शहर के तमाम विज्ञापन के अधिकार हासिल कर लिए। अब जब सरकार बदली तो जोशी को पटखनी देने के लिए कपूर ने पूरा प्रबंध कर लिया।

बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के एक नेता के साथ मिलकर कपूर ने जोशी को पटखनी दे डाली। जोशी के कई विज्ञापन कपूर ने छीन लिए। यह संभव हो सका AAP के एक नेता और निगम में बदले हुए अधिकारी के कारण। अब जब जोशी की हर महीने 60 लाख रुपए से ज्यादा की कमाई छिनी तो उन्होंने अधिकारियों और पुरानी कांग्रेसियों से फिर लाबिंग शुरू की, जिससे अब मेयर ने कपूर के खिलाफ मुख्यमंत्री से जांच मांगी है।

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