डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: प्रगति होटल, अग्रवाल हॉस्पिटल इत्यादि बिल्डिंग पर करवाई ना करने को लेकर सहायक कमिश्नर के पद पर काम कर रहे ईओ राजेश खोखर की छुट्टी हो गई है। निगम कमिश्नर दविंदर सिंह ने खोखर से बिल्डिंग और फायर ब्रांच का चार्ज छीन लिया है।
नगर निगम में कुछ समय पहले ही नगर निगम जालन्धर मैं सहायक कमिश्नर का कार्यभार संभालने वाले ईओ राजेश खोखर से बिल्डिंग विभाग तथा फायर बिग्रेड का चार्ज छीन कर ज्वाईंट कमिशनर शिखा भगत को सौंप दिया है।
शहर में नगर निगम मुख्यालय के सामने बने प्रगति होटल, अग्रवाल अस्पताल की बिल्डिंग को लेकर लगातार सहायक कमिश्नर राजेश खोखर को शिकायत की जा रही थी, लेकिन जब उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया तब कंप्लेंट लोकल बॉडी विभाग में पहुंची।
गौरतलब है कि राजेश खोखर अपने कार्यकाल दौरान शहर में बन रही अवैध इमारतों को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। जिस कारण सरकार का बड़े स्तर पर रैवन्यू लॉस हुआ यही नहीं बीते दिनों ईओ कम सहायक कमिशनर राजेश खोखर की ओर से अपनी शक्तियों का दुरप्रयोग करते हुए नॉन टैक्निकल स्टाफ को बिल्डिंग विभाग में इंस्पैक्टर तैनात कर उन्हे कई सैक्टर अलॉट कर दिए गए जबकि पंजाब सरकार द्वारा जारी निर्देशों अनुसार बिल्डिंग इंस्पैक्टर का काम सिर्फ टैक्टनिकल डिग्री हासिल किए अधिकारी को ही दिया जा सकता है।
राजेश खोखर की मनमानियों की कई शिकायतें सीएम दरबार पहुंची जिसके बाद हरकत में आए लोकल बॉडी विभाग ने राजेश खोखर को सौंपे गए चार्ज संबंधी सारा रिकार्ड तलब किया जिसमें कई अनियमितताएं पाई गई। मामले में तुरंत संज्ञान लेते हुए डायरैक्टर लोकल बॉडी की ओर से कमिशनर दविंदर सिंह को राजेश खोखर को दिए गए चार्ज को तुरंत वापिस लेने के लिए आदेश जारी किए गए।
जिसके बाद आज कमिशनर दविंदर सिंह ने आदेश जारी करते हुए राजेश खोखर से बिल्डिंग विभाग तथा फायर बिग्रेड का चार्ज छीन कर ज्वाईंट कमिशनर शिखा भगत को सौंप दिया आदेश में यह भी कहा लिखा गया कि अगर ज्वाईट कमिशनर शिखा भगत चाहें तो राजेश खोखर एस्टेट अफसर की मदद ले सकती हैं अन्यथा शिखा भगत को बिल्डिंग विभाग तथा फायर बिग्रेड का पूरा चार्ज सौंप दिया गया है।
राजिंद्र शर्मा को किस आधार पर बनाया ATP
वहीं आरटीआई एक्टिविस्ट रविंदरपाल चड्डा ने कहा कि नगर निगम के बिल्डिंग ब्रांच के अफसर राजेंद्र शर्मा को एटीपी बनाए जाने पर कोई एतराज नहीं। लेकिन कम से कम यह बताया जाए उनको एटीपी किस हुकम के आधार पर बनाया गया। क्या सरकार द्वारा कोई चिट्ठी निकाली गई, जालंधर के किसी अफसर ने उन पर मेहरबानी करके उन्हें इंस्पेक्टर से एटीपी बना दिया।
उन्होंने कहा की क्योंकि कुछ समय पहले ही बिल्डिंग ब्रांच के अफसर राजेंद्र शर्मा को डिमोट किया गया था। किसके हुकमों के आधार पर राजेंद्र शर्मा को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई और एटीपी बनाया गया। उन्होंने बताया कि आरटीआई में भी उस हुकम की कॉपी अभी तक नहीं दी जा रही जिस हुक्म के आधार पर उनको एटीपी बनाया गया यह सरकार को या नगर निगम कमिश्नर को अब तक जगजाहिर कर देनी चाहिए थी।







