डेली संवाद, पंजाब। Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा आज मंत्रिमंडल की बैठक में अहम फैसला लिया गया। पंजाब सरकार ने फैसला लिया है कि एडहॉक, ठेके, डेली वेज और वर्क चार्ज्ड जैसे कच्चे कर्मचारियों को पक्का करेगी। इसका लाभ राज्य के करीब 9 हजार कच्चे कर्मचारियों को मिलेगा। डिपार्टमेंट में जरुरत की वजह से ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों की जगह कुछ कर्मचारियों को सहायक रूप से डेली वेजेज में रखा गया था और अब अगर इनकी जगह और किसी को भर्ती किया जाएगा तो यह इनके सात नाइंसाफी साबित होगी। इसलिए इनको ही पक्का किया जाएगा।
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मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि ग्रुप सी और ग्रुप डी के स्तर के पदों की कमी के कारण इन पदों पर ठेके/आरज़ी तौर पर भर्ती की गई थी। इनमें से यहां कुछ कर्मचारियों को काम करते हुए 10 साल से अधिक का समय हो गया है और उन्होंने अपनी ज़िंदगी के अहम साल राज्य की सेवा के लिए दिए हैं। इसलिए अब इन कर्मचारियों को बाहर करना या इनकी जगह नई भर्ती करनी, इन कर्मचारियों के साथ बेइन्साफ़ी होगी।
इन ठेके के आधार पर काम करते कच्चे कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने भारतीय संविधान की दूसरी सूची की 41वें इंदराज/एंट्री से धारा 162 के अधीन एडहॉक, ठेके, डेली वेज, वर्क चार्जड और कच्चे कर्मचारियों की भलाई के लिए नीति बनाई है। जिससे ऐसे कर्मचारियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े और उनकी नौकरी सुरक्षित हो जाए। पंजाब के प्रशासनिक विभागों और अदारों वाले ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों के लिए बनाई इस नीति से नौ हज़ार से अधिक कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
इन लोगों को मिलेगा लाभ
सेवाओं को रेगुलर करने के लिए एडहॉक, ठेके, डेली वेज़, वर्क चार्जड या कच्चे कर्मचारियों को इस मौजूदा नीति के जारी होने तक काम करते हुए लगातार 10 साल होने चाहिएं और विशेष काडर में डालने समय पर उनके पास सम्बन्धित पद की शर्तों के मुताबिक तजुर्बे और अपेक्षित योग्यता होनी चाहिए।
इन लोगों को नहीं मिलेगा लाभ
यह नीति उन व्यक्तियों पर लागू नहीं होगी, जो ऑनरेरी आधार पर शामिल थे या जो पार्ट टायम आधार पर काम करते थे या जो सेवा मुक्ति की उम्र पर पहुंच चुके हैं या जो अपने स्तर पर इस्तीफ़ा दे चुके हैं. यह नीति उन कर्मचारियों पर भी लागू नहीं होगी, जिनकी सेवाओं को विभाग ने बरकरार नहीं रखा या जो आउट सोर्स या इनसैंटिव आधार पर शामिल थे।
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