BJP Punjab Politics: जालंधर नगर निगम में AAP बन सकती है प्रमुख विपक्षी दल, BJP को लगा बड़ा झटका, कई कांग्रेसी और भाजपा नेता AAP में जाने को तैयार

Daily Samvad
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डेली संवाद, जालंधर। BJP Punjab Politics: पंजाब से लेकर दिल्ली तक भाजपा की जालंधर ईकाई का चर्चे हैं। लगातार दो दिनों में जालंधर भाजपा के 4 पार्षद, 2 उपप्रधान और दो मंडल प्रधानों के साथ साथ महिला मोर्चा की कई वर्करों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। जिससे भाजपा का गढ़ माने जाते दोआबा में भाजपा के लिए यह सबसे बड़ा झटका है।

पंजाब में सत्ता परिवर्तन और भाजपा से लोगों में बढ़ती नाराजगी के चलके कई पार्षदों को पाला बदलने को मजबूर कर दिया है। अगले कुछ महीनों में पार्षदों के अपनी मूल पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी रह सकता है। पिछले एक सप्ताह में आठ पार्षदों ने अपनी-अपनी पार्टी छोड़ी है। इससे शहर की राजनीति गर्मा गई है। अब निगम हाउस में नए समीकरण बनेंगे। कांग्रेस के चार पार्षद आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं तो एक दिन पहले भाजपा के चार पार्षदों ने भी अपनी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

महिला मोर्चा की पूरी टीम ने इस्तीफा दे दिया

उधर, पार्षद दम्पति श्वेता वनीत धीर के समर्थन में भाजपा वार्ड नं. 77 की महिला मोर्चा की पूरी टीम ने इस्तीफा दे दिया है। वार्ड की अध्यक्ष गुरप्रीत कौर पिंकी ने बताया कि पूरी वार्ड धीर दम्पत्ति के साथ हैं। वनीत धीर ने पिछले 10 सालों से वार्ड को अपना परिवार माना है। उन्होंने कहा कि आज जब पार्टी उनके जैसे कार्यकर्त्ता को मान सम्मान नही दे सकती तो ऐसी पार्टी में रहने का कोई फायदा नहीं है।

उन्होंने आगे बताया कि धीर हर समय वार्ड के हर व्यक्ति के काम आते हैं। पूरी महिला मोर्चा श्वेता वनीत धीर के साथ है। पार्षद श्वेता वनीत धीर के समर्थन में सतवंत कौर तक्खर पत्नी स्व. हरभजन सिंह तक्खर पूर्व पार्षद, गुरप्रीत कौर पिंकी, शंकुतला रानी, रीटा, बलबीर कौर बाला रानी आदि ने भाजपा की प्राथमिक सदस्या से इस्तीफा दे दिया है।

मान सम्मान नहीं मिल रहा है

इन सभी का आरोप है कि पार्टी में जमीन से जुड़े नेताओं को पहले जैसा मान सम्मान नहीं मिल रहा है और वह सभी दुखी मन से पार्टी छोड़ने को मजबूर हैं। जिन लोगों ने त्यागपत्र दिया है, उनमें सतवंत कौर तक्खर, गुरप्रीत कौर पिंकी, कमलेश रानी, लख¨वद्र कौर पिंकी, शकुंतला रानी, चांद जुल्का, गुरप्रीत कौर, भारती, सुमन मिश्रा, सरवनजीत कौर, हरविंद्र कौर, संतोष तोशी, परमजीत कौर, रेणु, किरण, सीता रानी, कमलेश, गुरमीत, सोमा, बाला रानी, रिंकू, सुषमा, पूनम, दर्शना, रीटा, राधा, बलबीर कौर, मीना, मनकी, सुषमा, अनीता, रानी राव, बसंती व पल्लवी शामिल हैं।

उधऱ, पार्षद वरेश मिंटू का कहना है कि भाजपा के सीनियर नेता जानते थे कि कई नेता नाराज हैं और इनके पार्टी छोड़ने की चर्चा बनी हुई है। इसके बावजूद पिछले आठ महीनों में एक बार भी किसी सीनियर नेता ने आकर बात नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि इसके लिए वेस्ट हलके और जिला की लीडरशिप जिम्मेदार हैं।

मिंटू ने कहा कि भाजपा एक विशाल पार्टी है और इसके पास कार्यकर्ताओं की कमी नहीं है, इसलिए इन्हें अब समर्पित कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं रही। शहर की राजनीति में उफान, निगम हाउस में बनेंगे नए समीकरण नगर निगम हाउस का कार्यकाल खत्म होने में साढ़े चार महीने से भी कम का समय बचा है और राजनीतिक उठापटक शुरू हो गई है।

भाजपा नेताओं के आप में जाने की संभावना

भाजपा छोड़ने वाले इन नेताओं और पार्षदों की अब आम आदमी पार्टी में जाने की संभावना है। इनमें से अधिकांश नेता जालंधर सेंट्रल से आप विधायक रमन अरोड़ा की जन्मदिन पार्टी में भी शामिल हुए थे और इसको लेकर काफी चर्चा बनी थी। पहले भी यह चर्चा बनी रही है कि जालंधर वेस्ट हलके के कई नेताओं ने आम आदमी पार्टी को विधानसभा चुनाव में मदद की थी।

जालंधर वेस्ट से आम आदमी पार्टी के विधायक शीतल अंगराल पहले भाजपा में ही थे और इन सभी नेताओं की शीतल अंगुराल से काफी निकटता रही है। आम आदमी पार्टी से इन नेताओं की निकटता के चर्चे पहले भी होते रहे हैं और ऐसी उम्मीद है कि निगम चुनावों में इन सभी नेताओं को आप में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

भाजपा इस समय हाउस में सबसे बड़ा विपक्षी दल

आने वाले दिनों में नगर निगम हाउस में आम आदमी पार्टी मुख्य विपक्षी दल बन सकती है। एक सप्ताह पहले कांग्रेस के चार पार्षद आप में शामिल हुए हैं। आजाद पार्षद दविंदर सिंह रौनी पहले ही आप में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में अगर भाजपा छोड़ने वाले चारों पार्षद भी आप का रास्ता अपना लेते हैं तो इनकी गिनती नौ हो जाएगी। भाजपा इस समय हाउस में सबसे बड़ा विपक्षी दल है।

भाजपा के आठ पार्षद हैं जिनमें से चार अब पार्टी छोड़ चुके हैं। जिस तरह से कांग्रेस और भाजपा के पार्षद पार्टी छोड़ रहे हैं, ऐसे में आने वाले दिनों में आप के पार्षदों की गिनती और बढ़ सकती है। सेंट्रल और नार्थ में भी कई कांग्रेस के पार्षद पार्टी छोड़कर आप में शामिल होने की तैयारी में हैं।

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