डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: शहर के प्रताप बाग में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट द्वारा छोड़ी गई ओपन स्पेस की जमीन की रजिस्ट्री करवाकर वहां दुकानों का निर्माण करवाया जा रहा है। जबकि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की इस स्कीम में छोड़ी गई ओपन स्पेस को किसी भी तरह से रजिस्ट्री नहीं की जा सकती और न ही इस जमीन पर किसी तरह से कोई निर्माण हो सकता है। यह मामला उस समय खुला, जब इस ओपन स्पेस में एक साथ पांच दुकानें बननी शुरू हुई। अब निगम कमिश्नर दविंदर सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं।
प्रताप बाग में पाल अस्पताल के साथ भगत सिंह चौक को जाने वाली रोड पर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में ओपन स्पेस छोड़ी थी। इसके साथ इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने पांच एससीओ काटा था। एससीओ के साथ ओपन स्पेस छोड़ी गई थी। लेकिन कुछ महीने पहले इस ओपन एस्पेस पर दुकानों का निर्माण शुरू हुआ। निगम अधिकारियों ने पहले इसे गिरा दिया। सत्ता परिवर्तन के बाद यहां फिर से निर्माण शुरू हुआ तो निगम ने फिर से काम रुकवा दिया।
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यही नहीं, प्रताप बाग में इस सरकारी जमीन पर अवैध रूप से दुकानें बनाई गई। करीब पांच दुकानें बनाई गई है। बताया जा रहा है कि दर्शन सिंह नामक एक व्यक्ति के नाम पर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन ने रजिस्ट्री की थी, लेकिन यह फाइल इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के दफ्तर से गायब है। सूत्र बता रहे हैं कि ये रजिस्ट्री फर्जी हो सकती है। हैरानी की बात तो यह है कि दर्शन सिंह ने इस ओपन स्पेस को तीन नरेश कुमार पुत्र बनारसी दास, दिनेश कुमार पुत्र अविनाश चंद्र, राकेश धीर पुत्र अमरचंद के नाम पर रजिस्ट्री कर दी।
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में फिलहाल ये फाइल नहीं है। जबकि जो फाइल नगर निगम में नक्शा पास करवाने के लिए लगाई गई, उसमें इन तीनों के नाम है। हैरानी की बात तो यह है कि रजिस्ट्री तीन लोगों के नाम पर की गई। इन लोगों ने इसी रजिस्ट्री के आधार पर नगर निगम में साल 2019 में रेजीडेंशियल का नक्शा पास करवा लिया। अब यहां एक नक्शे पर पांच दुकानें बनाई जा रही हैं।
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एमटीपी नीरज भट्टी ने बताया कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की ओपन स्कीम की रजिस्ट्री नहीं हो सकती है। जिस रजिस्ट्री के आधार पर निगम से नक्शा पास करवाया गया, वह गलत है। इसके अलावा नक्शा पास करवाते समय इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की एनओसी नहीं ली गई, जिससे रजिस्ट्री भी संदिग्ध है। इसकी जांच के लिए एटीपी को कहा गया है।
नगर निगम के कमिश्नर दविंदर सिंह ने कहा है कि इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं। क्योंकि यह जमीन सरकारी है, इस पर नक्शा कैसे पास हुआ, इसकी भी जांच होगी। उन्होंने कहा कि यह बिल्डिंग पूरी तरह से नाजायज, निगम जल्द ही इस पर डिच चलाएगा। उधर, पूर्व पार्षद सुमन मल्होत्रा के पति अशोक कुमार मल्होत्रा ने निगम कमिश्नर से इन दुकानों को गिराने की मांग की है। यही नहीं, अशोक मल्होत्रा ने इस संबंध में कोर्ट में भी केस दायर किया है।
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