डेली संवाद उत्तर प्रदेश। UP Monsoon Session: उत्तर प्रदेश में आज से राज्य विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू होने जा रहा है। एक तरफ जहां योगी सरकार की ओर से इस सत्र में कई प्रस्तावों को सदन की मंजूरी दिलाने की तैयारियां की जा रही हैं। वहीं दूसरी ओर विपक्ष लगातार सरकार को सदन में घेरने की योजना बना रहा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं के विधायकों के साथ पैदल मार्च करते हुए विधानमंडल सत्र में पहुंचे। राज्य विधान मंडल का मानसून सत्र सोमवार 19 सितंबर से 23 सितंबर तक चलेगा है।
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पीयूष मोर्डिया का कहना है कि हमें पैदल यात्रा की जानकारी मिली थी। इसके लिए पूर्वानुमति नहीं मांगी गई थी। हमने उनको एक मार्ग निर्धारित करके दिया था जिससे यातायात और अन्य परेशानी नहीं होती। उन्होंने यह नहीं माना। हमारे पास उनको रोकने के अलावा कोई अन्य उपाय नहीं है।
डबल इंजन की सरकार कर रही बिना किसी भेदभाव के काम- योगी आदित्यनाथ
किसी भी दल और व्यक्ति को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखने में कहीं कोई बुराई नहीं है, पर जो प्रशासन ने उनको मार्ग उपलब्ध कराया होगा उस रस्ते से वह नहीं गए। जिससे यह लगता है कि समाजवादी पार्टी से यह उम्मीद करना कि वह किसी नियम या किसी शिष्टाचार को माने, यह केवल एक कपोल कल्पना ही कही जा सकती है।
25 करोड़ लोगों के हितों के लिए डबल इंजन की सरकार बिना भेदभाव के कार्य कर रही है। डबल इंजन की सरकार समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को शासन की योजानाओं का लाभ पहुंचा रही है। विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए भी यहां अभाव और अराजकता के लिए जगह नहीं है
सदन में करे चर्चा – केशव प्रसाद मौर्य
समाजवादी पार्टी जिसे मार्च का नाम देकर विरोध प्रदर्शन कर रही है वो जनता के हितों से जुड़ा हुआ है ही नहीं। अगर उन्हें जनता से जुड़े किसी मुद्दे पर चर्चा करनी है तो सदन में करनी चाहिए, जो कार्यवाही का हिस्सा बने। सरकार चर्चा के लिए तैयार है।
विधानमंडल के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि एक दिन दोनों सदनों की कार्यवाही महिला विधायकों के नाम रहेगी। 22 सितंबर को दोनों सदनों की कार्यवाही महिला सदस्यों के लिए आरक्षित रहेगी। विधानसभा में 47 और विधान परिषद में छह महिला सदस्य हैं। दोनों सदनों की कार्यमंत्रणा समितियों की बैठक में यह कार्यक्रम तय हुआ है। इस दिन को विशेष बनाने के लिए दोनों सदनों में महिला सदस्यों को पीठासीन किया जाएगा। बैठक में तय हुआ है कि 22 सितंबर को प्रश्नकाल के बाद सदन में सिर्फ महिला विधायकों को ही बोलने का मौका दिया जाएगा।
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विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि उस दिन सदन में सभी विधायकों को उपस्थित रहने के लिए कहा गया है, लेकिन बोलने का अवसर सिर्फ महिला सदस्यों को मिलेगा। प्रत्येक महिला सदस्य को कम से कम तीन मिनट और अधिकतम आठ मिनट का समय दिया जाएगा। महाना ने दावा किया कि आजादी के बाद से पहली बार विधानमंडल में ऐसा नजारा देखने को मिलेगा।
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