डेली संवाद,पंजाब। Punjab News: हरियाणा के गुरुद्वारा साहिब के प्रबंध के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा पास किए गए अलग गुरुद्वारा एक्ट को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ SGPC की तरफ से अंतरिम कमेटी की विशेष बैठक का आयोजन शुक्रवार चंडीगढ़ में किया गया था। अब वह 30 सितंबर को एक और बैठक अमृतसर में बुलाने जा रही है।
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SGPC के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने जानकारी दी है कि बैठक में सिख गुरुद्वारा एक्ट 2014 को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दी गई मान्यता को मानने से मना कर दिया गया हैं। उन्होंने कहा कि SGPC सिख गुरद्वारा एक्ट 1925 के तहत है और वे एक्ट वैसा का वैसा ही खड़ा है। जिसमें कोई संशोधन नहीं किया गया। इसका अधिकार सिर्फ और सिर्फ केंद्र के पास है।
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इसी के साथ एडवोकेट धामी ने कहा कि 2014 में हरियाण की हुड्डा सरकार ने इस एक्ट को लाकर सिखों को तोड़ने का प्रयास किया था। जिसके बाद 2017 में पंजाब में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बयान दिया कि हरियाणा में अलग सिख प्रबंधन होना चाहिए। आम आदमी पार्टी की सरकार ने भी ऐसा ही सुप्रीम कोर्ट में कहा। रही बात केंद्र की, भाजपा सरकार ने भी इसमें पूरी स्पष्ट जानकारी नहीं दी कि सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925 पर संशोधन का अधिकार उनका है। जिससे ये पता लगता है की सभी पार्टियों की कोशिश सिर्फ सिखों को तोड़ने की रही है।
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