डेली संवाद, लुधियाना। Punjab News: पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लिए एक बड़ी समस्या बन चुकी पराली के निस्तारण का आसान समाधान अब कृषि विश्वविद्यालय (PAU) ने निकाला है। अब पराली को 24 घंटे के भीतर खेत में गलाया जा सकता है।
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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की एक परियोजना के तहत, प्रधान वैज्ञानिक और पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख डॉ मुहम्मद शरीफ आलम ने परशुराम बायोएग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से एक विशेष जैविक समाधान (बायोडीकंपोजर) विकसित किया है। सूक्ष्म और प्रायोगिक स्तर पर प्रयोगशाला परीक्षणों के दौरान, इस घोल ने 24 घंटों के भीतर पराली को गला दिया।
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डॉ. एसके त्यागी का कहना है कि इस सॉल्यूशन की खास बात यह है कि यह इस्तेमाल के लिए तैयार है यानी इसे तुरंत इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें किसानों को ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। किसानों को एक लीटर घोल को 25 लीटर पानी में मिलाकर खेत पर छिड़क कर 24 घंटे के लिए छोड़ देना है। 24 घंटे के बाद दो फीट लंबा भूसा बारीक टुकड़ों में बदल जाता है। ट्रैक्टर द्वारा जुताई करने पर यह आसानी से मिट्टी में समा जाता है। इसकी खासियत यह है कि यह मिट्टी की गुणवत्ता को भी बरकरार रखता है, वहीं आग के कारण मिट्टी में मौजूद कई पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।
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