डेली संवाद, चंडीगढ़। Breast Cancer: आज के समय महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर काफी मात्रा में देखने को मिल रहा है। भारत में हर 10 में एक महिला ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित है। स्तन शरीर का एक अहम अंग है। स्तन का कार्य अपने टिश्यू से दूध बनाना होता है। ये टिश्यू सूक्ष्म वाहिनियों द्वारा निप्पल से जुड़े होते हैं। जब ब्रेस्ट कैंसर वाहनियों में छोटे सख्त कण जमने लगते हैं या स्तन के टिश्यू में छोटी गांठ बनती है, तब कैंसर बढ़ने लगता है।
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दरअसल, यह कैंसर रातो रात नहीं होता है बल्कि महिलाओं की बॉडी बहुत पहले से ही इसके संकेत देती है लेकिन हम समझ नहीं पाते हैं या तो फिर इसे नजरअंदाज करते हैं। इसलिए यह संख्या बढ़ती जा रही है।2020 के अध्ययन में पाया गया है कि इस कैंसर से पीड़ित महिलाओं की जीवित रहने की दर केवल 66 परसेंट है।
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लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के नेतृत्व में कैंसर से बचने के लिए कॉनकॉर्ड 3 द्वारा एक अध्ययन हुआ था, जिसमें पाया गया है कि अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में फिर भी महिलाओं के जीवित रहने की दर ज्यादा है क्योंकि वहां इलाज संभव है। इन लक्षणों के बारे में जानना उतना ही आवश्यक है जितना कि जल्द से जल्द स्तन कैंसर का टेस्ट कराना और शरीर के अन्य भागों में फैलने से पहले उसके विकास को रोकने के लिए ट्रीटमेंट शुरू कर देना।
शुरुआती संकेत
छोटी सी गांठ या पिंपल होना
स्किन में बदलाव जैसे सूजन,लालिमा आना
दोनों ब्रेस्ट के साइज में बदलाव
ब्रेस्ट या निप्पल में दर्द
निप्पल से डिस्चार्ज (ब्रेस्ट मिल्क नहीं)
आर्मपिट में लंप होना
निप्पल से खून आना
स्तन की त्वचा पर नारंगी धब्बे पड़ना
गले या बगल में लिम्फ नोड्स
लगातार कई दिनों तक ब्रेस्ट में खुजली होना
ब्रेस्ट की स्किन नीचे से सही सख्त हो जाना
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण समझ आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
ब्रेस्ट कैंसर स्टेज
ब्रेस्ट कैंसर शून्य से शुरु होकर आगे की स्टेज यानी श्रेणियों में जाता है और हर स्टेज के साथ गंभीरता भी बढ़ती जाती है:-
1. शून्य स्टेज : दूध बनाने वाली कोशिकाओं में बना कैंसर सीमित रहता है और शरीर के दूसरे हिस्सों तक नहीं जाता।
2. पहली स्टेज : कैंसर वाली कोशिकाएं धीरे-धीरे बढ़ने लगती हैं और यह शरीर की बाकि हेल्दी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाना शुरु कर देती हैं। यह स्तन में मौजूद वसा वाली कोशिकाओं तक भी फैल सकते हैं।
3. दूसरी स्टेज : कैंसर इस श्रेणी में आकर बहुत तेजी से बढ़ना शुरु हो जाता है और शरीर के बाकि भागों में भी फैल जाता है और पूरे शरीर पर पकड़ बना लेता है।
4. तीसरी स्टेज : इस श्रेणी में आने तक कैंसर मानव की हड्डियों में पहुंचकर उन्हें प्रभावित करना शुरु कर देता है। इसी के साथ कॉलर बोन में इसका छोटा हिस्सा फैल चुका होता है, जो इसके इलाज को दुर्गम बनाता है।
5. चौथी स्टेज : इस श्रेणी में आकर कैंसर लगभग लाइलाज हो जाता है क्योंकि चौथी श्रेणी में आते-आते कैंसर लिवर, फेफड़ों, हड्डियों और मस्तिष्क में भी पहुंच चुका होता है।
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव
*ब्रेस्ट कैंसर से बचना चाहते है तो अपने खानपान पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
* अल्कोहल का सेवन कम कर दें, इसके साथ ही हेल्दी डाइट फॉलो करें।
* ब्रेस्ट में छोटा सा पिंपल या कोई गांठ दिखते ही तुरंत चेक करें।
* ब्रेस्ट की एक्सरसाइज या हल्के हाथों से मसाज करें।
* पीरियड्स के बाद कभी कभी जरूर परीक्षण या जांच करवाएं।
* मेनोपॉज के बाद ऑस्टियोपोरोसिस के ट्रीटमेंट में यूज होने वाली दवा एविस्टा (रेलोक्सिफिन) का इस्तेमाल करके इस बीमारी से आप बच सकती हैं।
*हाई रिस्क वाली महिलाओं को कैंसर के पूरे शरीर में फैलने से बचाने के लिए ऑपरेशन के जरिए ब्रेस्ट को हटा दिया जाता है, जिसे प्रीवेंटिव मास्टेक्टोमी कहा जाता है।
*स्तन कैंसर से निजात सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी या फिर हार्मोन थेरेपी से पाया जा सकता है।
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