डेली संवाद चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब के एडवोकेट जनरल (Advocate General) कार्यालय में की गई नियुक्तियों को भी हाईकोर्ट (High Court) में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में कहा कि इन नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि इन नियुक्तियों में उन लोगों को प्राथमिकता दी गई है जो पंजाबी बोल, लिख या पढ़ नहीं सकते हैं। ये उम्मीदवार पंजाबी भाषा पढ़ने, लिखने और बोलने में असमर्थ हैं। यहां तक कि कुछ लोगों ने 10वीं में पंजाबी की परीक्षा भी पास नहीं की है।
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पंजाब में सरकारी नौकरी पाने के लिए 10वीं में पंजाबी पास होना अनिवार्य है। याचिका में यह भी कहा गया है कि नियुक्तियों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के नियमों की भी अनदेखी की गई है। गौरतलब है कि पंजाब सरकार द्वारा राज्य के कानूनी मामलों को आगे बढ़ाने के लिए अगस्त महीने में 28 अतिरिक्त एडवोकेट जनरल, 13 सीनियर डिप्टी एडवोकेट जनरल, 40 डिप्टी एडवोकेट जनरल और 65 असिस्टेंट एडवोकेट जनरल नियुक्त किए गए थे। इन नियुक्तियों की घोषणा गृह विभाग ने की थी।
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पंजाब सरकार ने अप्रैल महीने में पंजाब में आम आदमी पार्टी की नई सरकार बनाने के लिए भर्ती विज्ञापन जारी किया था। पंजाब के गृह एवं न्याय विभाग द्वारा जारी विज्ञापन के अनुसार, उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय और दिल्ली में सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए 178 विधि अधिकारियों की भर्ती की जानी थी, लेकिन बाद में केवल 146 विधि अधिकारियों की सूची जारी की गई।
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