डेली संवाद, कर्नाटक। Hijab Case: कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर देश के सुप्रीम कोर्ट के दो जजों में मतभेद है। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध मामले को अब एक बड़ी पीठ के पास भेज दिया है। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने मामले में फैसला सुनाया। बेंच में शामिल दोनों जजों की राय अलग अलग है। जहां जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब बैन को सही ठहराया है। वहीं जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के बैन जारी रखने के आदेश को रद कर दिया। ऐसे में अब इस मामले को बड़ी बेंच में भेजा गया है।
ये भी पढ़ें: पंजाब में 9 इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के दफ्तरों को बंद करने के आदेश
पीठ ने इस मामले में 10 दिन तक दलीलें सुनने के बाद 22 सितंबर को याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 15 मार्च को उडुपी में एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग द्वारा कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति देने की याचिका खारिज कर दी।
हाई कोर्ट ने कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है। गौरतलब है कि जस्टिस गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने मामले में 10 दिनों तक दलीलें सुनने के बाद याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इन याचिकाओं पर 22 सितंबर का फैसला इस सप्ताह आने की संभावना है क्योंकि पीठ के प्रमुख न्यायमूर्ति गुप्ता 16 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
ये भी पढ़ें: डेज होटल और केएल सहगल मैमोरियल को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकीलों ने जोर देकर कहा था कि मुस्लिम लड़कियों को कक्षाओं में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने से उनकी शिक्षा को खतरा होगा क्योंकि उन्हें कक्षाओं में जाने से रोका जा सकता है। साथ ही, राज्य सरकार की ओर से पेश वकीलों ने कहा था कि हिजाब पर विवाद पैदा करने का कर्नाटक सरकार का निर्णय “धार्मिक रूप से तटस्थ” था।
एक्शन में निगम टीम, अवैध कालोनियों पर चला बुलडोजर, देखें
https://youtu.be/T4cHRrto9UY