डेली संवाद, लखनऊ। IPS Manilal Patidar Surrender: उत्तर प्रदेश के फरार आईपीएस मणिलाल पाटीदार ने शनिवार को सरेंडर कर दिया। महोबा के पूर्व एसपी ने भष्टाचार निवारण अधिनियम लखनऊ की एडीजे कोर्ट (Lucknow Court) में आत्मसमर्पण किया है। सरेंडर के बाद आईपीएस ने दावा किया है कि उनको गलत मामले में फंसाया गया है।
आईपीएस मणिलाल पाटीदार की फरारी को लेकर योगी सरकार पर सवाल खड़े हो रहे थे। साथ ही, यूपी पुलिस को भी सवालों के घेरे में लिया जा रहा था। शनिवार को पूर्व एसपी के सरेंडर के साथ ही 2 साल पुराने मामले पर एक बार फिर बहस तेज हो गई है।
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एसआईटी ने उन्हें व्यापारी को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी ठहराया था। उन पर महोबा कोतवाली और विजिलेंस में मुकदमा दर्ज किया गया था। मणिलाल पाटीदार 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। एडीजी जोन प्रयागराज ने उन पर एक लाख रुपये का पुरस्कार घोषित किया था। उत्तर प्रदेश की तमाम पुलिस व एजेंसी मणिलाल पाटीदार को पकड़ने में नाकाम रही।
उन्होंने आज लखनऊ में एडीजे 9 की कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। महोबा के खनन व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने 7 सितंबर 2020 को वीडियो वायरल कर पुलिस अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाए थे। इंद्रकांत त्रिपाठी को 9 सितंबर 2020 को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगी थी और 14 सितंबर को कानपुर के अस्पताल में निधन हो गया था।
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प्रदेश सरकार ने तत्कालीन आईजी वाराणसी विजय सिंह मीणा की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन कर जांच के लिए महोबा भेजा था। बार-बार बुलाए जाने के बाद भी पाटीदार एसआईटी के सामने पेश नहीं हुए थे। एसआईटी ने अपनी जांच में पाटीदार को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी माना था।
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