डेली संवाद, हाेशियारपुर/चंडीगढ़। Former Punjab Minister Arrested: पंजाब से बड़ी खबर आ रही है। खबर है कि पूर्व कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा (Sunder Sham Arora) को गिरफ्तार कर लिया गया है। जानकारी मिली है कि विजिलेंस ब्यूरो (Vigilance Bureau Punjab) की जांच का सामना कर रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा को विजिलेंस टीम ने जीरकपुर से गिरफ्तार कर लिया है।
ऐसी जानकारी है कि सुंदर शाम अरोड़ा को विजिलेंस टीम ने विजिलेंस के एक एआईजी को 50 लाख रुपये रिश्वत देते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। पता चला है कि रिश्वत देते समय उनके साथ मौजूद उनके पीए मनी को भी गिरफ्तार किया गया है। विजिलेंस टीम ने पूर्व कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक नोट गिनने वाली छोटी मशीन भी मिली है।
कास्माे माल से गिरफ्तारी
जानकारी के मुताबिक जिस एआईजी ने सुंंदर शाम अरोड़ा को गिरफ्तार करवाया उनका नाम मनमोहन कुमार बताया जा रहा है। अरोड़ा को विजिलेंस के डीएसपी अजय कपिला ने ट्रैप लगाकर गिरफ्तार किया। बताया जाता कि अरोड़ा ने अपने खिलाफ आय से अधिक मामले का केस खत्म कराने के लिए एक करोड़ रुपये में सौदा तय किया था और पहली किस्त के रूप में 50 लाख रुपये देने पहुंचे थे। अरोड़ा को जीरकपुर के कास्मो माल से गिरफ्तार किया गया है।
ऐसे हुआ रिश्वतखोरी का खेल
दरअसल, मनमोहन कुमार होशियारपुर के कस्बा हरियाना के रहने वाले हैं। शर्मा के छोटे भाई भी पंजाब पुलिस में डीएसपी हैं। चूंकि मनमोहन कुमार स्थानीय हैं, इसलिए अरोड़ा की उनके साथ अच्छी जान पहचान है। इसी वजह से अरोड़ा ने मनमोहन से संपर्क साधा। बातचीत करने के लिए 14 अक्टूबर को अरोड़ा चंडीगढ़ में मनमोहन कुमार से मिले। इस दौरान उन्होंने आय से अधिक मामले में केस रफादफा करने के लिए एक करोड़ की आफर दी।
पचास लाख रुपये पहले और पचास लाख रुपये काम होने के बाद देने की बात हुई। अरोड़ा के जाने के बाद मनमोहन ने सारी जानकारी अपने अधिकारियों को दी। इसके बाद इसकी लिखित शिकायत की गई। फिर, प्लानिंग के अनुसार अरोड़ा को शनिवार को जीरकपुर बुलाया गया। इसके बाद एआइजी ने चीफ विजिलेंस को मामले की जानकारी दी।
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अरोड़ा ने शनिवार शाम एआईजी मनमोहन कुमार को फोन कर कहा रिश्वत के पैसे लेकर आया हूं। डीजीपी अजय कपिला ने टीम बना कर कारवाई की। सारी कमान खुद मनमोहन कुमार ने संभाल रखी थी और जैसे ही अरोड़ा ने रिश्वत के 50 लाख दिए टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
विजिलेंस ब्यूरो अरोड़ा के खिलाफ आय से अधिक मामले की जांच कर रही थी। इस मामले में उन्हें चंडीगढ़ दो बार पूछताछ के लिए बुलाया भी गया था। सूत्रों के मुताबिक अरोड़ा ने जांच को दबाने के लिए एक विजिलेंस के एआइजी से सौदेबाजी की। पचास लाख रुपये में सौदा तय हुआ।
इसके बाद एआईजी मनमाेहन शर्मा ने ट्रैप लगवाकर अरोड़ा को गिरफ्तार करवा दिया। बता दें कि अरोड़ा पूर्व की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। कांग्रेस सरकार का तख्तापलट होने पर जब चरणजीत सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया था तो अरोड़ा का मंत्री पद से पत्ता कट गया था। इसी साल विधानसभा चुनाव अरोड़ा होशियारपुर विधानसभा से चुनाव हार गए थे। कुछ समय पहले अरोड़ा भाजपा में शामिल हुए थे।
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विजिलेंस ब्यूरो पंजाब के मुख्य निदेशक वरिंदर कुमार ने बताया कि इस संबंध में पूर्व मंत्री के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो के एआईजी मनमोहन कुमार के बयान पर मामला दर्ज किया गया है। मनमोहन कुमार के बयानों पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 8 के तहत एफआईआर संख्या 19 दिनांक 15-10-2022 दर्ज किया है।
वीरेंदर कुमार ने कहा कि एआईजी मनमोहन कुमार ने ब्यूरो से शिकायत की है कि अरोड़ा ने उनसे 14 अक्टूबर को मुलाकात की और उनके खिलाफ चल रही सतर्कता जांच में मदद के लिए एक करोड़ रुपये की पेशकश की। पूर्व मंत्री ने मनमोहन कुमार को अगले दिन 15 अक्टूबर को मौके पर ही 50 लाख रुपये देने और शेष राशि का भुगतान बाद में करने की बात कही।
वीरेंदर कुमार ने कहा कि एआईजी ने इसकी जानकारी मुख्य निदेशक को दी, जिन्होंने अरोड़ा के खिलाफ रिश्वत का मामला दर्ज करने का आदेश दिया। अरोड़ा को रिश्वत देते हुए गिरफ्तार किया गया और उसके पास से 50 लाख रुपये बरामद किए गए। इस मामले की आगे की जांच जारी है।
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