डेली संवाद, नई दिल्ली। Foreign Investors: विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर के पहले दो कारोबारी हफ्तों में करीब 7500 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ़ ने भारत की आर्थिक विकास दर के अनुमान को साल 2022-23 के लिए 7.4 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है।
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आईएमएफ़ ने दूसरी बार अपने अनुमान में कटौती की है। आइएमएफ़ के मुताबिक भारत समेत दुनियाभर की अगले साल विकास दर कम रहेगी। रूस-यूक्रेन जंग, दुनियाभर के बिगड़ते आर्थिक हालात, पिछले एक दशक में महंगाई दर का सबसे अधिक होना और महामारी इन हालात के लिए ज़िम्मेदार हैं।
भारत की सख़्त मॉनिटरी पॉलिसी और वैश्विक कारणों से भारत की आर्थिक विकास दर कम रह सकती है। हालांकि आरबीआई के अनुमान की तुलना में आईएमएफ की अनुमान दर ज़्यादा है। रिज़र्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी के 7.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है। और 2023-24 में 6.1 फीसदी।
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आईएमएफ़ ने कहा कि अमेरिका, यूरोपीय संघ और चीन की अर्थव्यवस्थाओं की हालात ख़राब होती जा रही है और “सबसे बुरा दौर आना अभी बाकी है।” उन्होने कहा कि ऐसा हो सकता है की आने वाले समय में इससे भी ज्यादा हालत खराब हो जाए। दिन व दिन महंगाई बढ़ती जा रही है इसका कारण कहीं न कहीं कोरोना वायरस है क्योंकि उस समय आर्थिक विकास पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। लेकिन भारत के प्रदर्शन को उन्होंने अच्छा बताया है।
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