डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: करीब 15 सालों से जालंधर में अंगद की तरह पांव जमा कर MVI नरेश कलेर जब रिश्वत के पैसों के साथ पकड़ा गया था तो विजिलेंस ने 10 एजेंटों को भी केस में नामजद किया था, लेकिन हैरानी की बात है कि 70 दिन बीत जाने के बाद भी विजिलेंस अभी तक जालंधर के सबसे बड़े दलालों को पकड़ नहीं सकी है। इसके पीछे की आखिर क्या कहानी है, डेली संवाद आज से खुलासा करने जा रहा है।
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विजीलैंस ब्यूरो ने बीते 23 अगस्त को एमवीआई नरेश कलेर के दफ्तर में छापामारी करके एजेंट को पकड़ा था जिसके घर से रिश्वत का 12.50 लाख रुपया बरामद हुआ था। वाहनों को पास करवाने के लिए लेनदेन के सारा काम MVI के एजेंट करते थे। एजेंट के पकड़े जाने के बाद विजिलैंस ने MVI नरेश कलेर को उसके टांडा (होशियारपुर) में घर से गिरफ्तार किया था।
इस पूरे केस में नरेश कलेर जेल में है। लेकिन जालंधर के सात बड़े एजैंट अभी भी विजीलैंस और पुलिस की पकड़ से दूर हैं। 70 दिन बीत गए हैं, लेकिन इन धनकुबेर एजैंटों को विजीलैंस पकड़ नहीं पाई है, जिससे विजीलैंस की भूमिका पर सवाल खड़े होने लगे हैं। विजीलैंस के अफसर हर बार यही कहते हैं कि जांच जारी है, एजैंट जल्द पकड़े जाएंगे।
संजय मेहता फरार, संगम कार में एजैंटी जारी
जालंधर के हाईप्रोफाइल केस में सबसे पहला नाम संगम कार बाजार के मालिक संजय मेहता का है। विजीलैंस ने एफआईआऱ दर्ज करते लिखा कि संजय मेहता अफसरों के पैसे गाड़ियों के खरीद फऱोख्त में निवेश करता था। संजय मेहता आरसी घोटाले मामले में प्रमुख आरोपी है। विजीलैंस के मुताबिक संजय मेहता नरेश कलेर की मदद से आरसी बनाता था। बताया जा रहा है कि संजय मेहता की कई बड़े अधिकारियों से मिलीभगत थी, जिनके जरिए वह सरकार को चूना लगा कर करोड़ों रुपये कमा रहा था।
हैरानी की बात तो यह है कि संजय मेहता के संगम कार बाजार में पहले जैसा कामकाज हो रहा है। उसे न तो कोई रोकने वाला है और नही विजीलैंस और पुलिस कोई कार्रवाई कर रही है। हैरानी की बात तो यह कि विजीलैंस 70 दिनों में संजय मेहता को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। जबकि संजय मेहता की बीएमसी चौक के पास संगम कार बाजार में पहले जैसा कामकाज हो रहा है। इससे विजीलैंस की कार्यप्रणाली शक के दायरे में है।
विजीलैंस दफ्तर के सामने रोज खुलती है दुकान, लवी को गिरफ्तार नहीं कर रही है पुलिस
नरेश कलेर के साथ मिलकर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाले दूसरे आरोपी हैं लवी। लवी पुत्र अमरीक सिंह। अमरीक सिंह के निधन के बाद लवी ने विजीलैंस दफ्तर के ठीक सामने पुडा मार्केट में ट्रिब्यून अखबार के दफ्तर के सामने एजैंटी का दफ्तर खोला। इस दफ्तर में बैठ कर नौनी और जौनी पूरा खेल करते रहे।
एफआईआर दर्ज करने के बाद विजीलैंस ने 70 दिन में लवी को गिरफ्तार नहीं कर सकी। जबकि लवी का दफ्तर विजीलैंस आफिस के ठीक सामने पुडा ग्राउंड में रोज खुला होता है। यहां आज भी एजैंट के जरिए लोगों के काम हो रहे हैं। यही नहीं, लवी के दोनों एजैंट आज भी आरटीए दफ्तर में फाइल लेकर काम करवाते हैं। इसका सीधा प्रमाण दफ्तर में लगे सीसीटीवी कैमरे हैं।
शेरू और दीपू के दफ्तर रोज खुलते हैं, विजीलैंस पकड़ती ही नहीं
करोड़ों रुपए के पासिंग के खेल में सबसे बड़े एजैंट हैं सुखमिंदर सिंह शेरू और वरिंदर सिंह दीपू। शेरू और दीपू दोनों सगे भाई हैं। नरेश कलेर के लिए सीधे तौर पर शेरू और दीपू काम करते थे। विजीलैंस ने शेरू और दीपू के खिलाफ एफआईआऱ दर्ज तो कर लिया है, लेकिन 70 दिन बाद भी इन दोनों भाईयों को विजीलैंस गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
हैरानी की बात तो यह है कि शेरू और दीपू के मिनी RTA दफ्तर आज भी पूरे शानोशौकत से खुलता है। सिविल अस्पताल के आगे नाज कांप्लैक्स के साथ लगती गली में पूरा आरटीए दफ्तर यहीं से चल रहा है, लेकिन विजीलैंस को शेरू और दीपू नहीं मिल रहे हैं। शेरू और दीपू के एजैंट रोजाना आऱटीए दफ्तर जाकर काम करवाते हैं, जिसका गवाह सीसीटीवी कैमरे हैं। लेकिन विजीलैंस के अधिकारियों की आंखों पर पट्टी बंध गई है।
सुरजीत सिंह के दफ्तर में होता है काम, विजीलैंस नहीं कर रही है गिरफ्तार
नरेश कलेर के काले साम्राज्य में जालंधर का एजैंट सुरजीत सिंह भी शामिल है। विजीलैंस ने सुरजीत सिंह के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है। लेकिन विजीलैंस अब सुरजीत सिंह को पकड़ नहीं रही है। कहा जा रहा है कि सुरजीत सिंह का काम हैप्पी नामक व्यक्ति करता है। 2018 में हैप्पी उस समय चर्चा में आया था, जब विजीलैंस ने फर्जी टैस्ट ड्राइव का खुलासा हुआ था, इसकी गाड़ी वहां चलती थी, विजीलैंस ने पर्चा दर्ज किया, बाद में क्लीन चिट दे दिया।
सुरजीत सिंह भले ही विजीलैंस को नहीं मिल रहा है, लेकिन बस स्टैंड के पास उसकी एजैंटी का काम और दुकान दोनों पहले जैसा ही चल रहा है। विजीलैंस के मेहरबानी समझ से परे हैं। क्योंकि सुरजीत सिंह ने नरेश कलेर के साथ मिलकर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है।
MVI नरेश कलेर का चेला राजेश भी फरार
विजीलैंस ने एमवीआई नरेश कलेर के लिए काम करने वाले राजेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया। राजेश होशियारपुर का रहने वाला है। जो 70 दिनों से अभी फरार है। बताया जा रहा है कि एजैंटों से सारा लेनेदेन राजेश ही करता था। राजेश भी विजीलैंस की पकड़ से दूर है। जबकि इस मामले में परमजीत सिंह बेदी और मनोहर लाल गुप्ता उर्फ कालू जमानत पर है।
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