डेली संवाद, नई दिल्ली। Data Protection Bill: देश में लोग जैसे-जैसे तेज़ी से डिजिटलाईज़ेशन की तरफ़ बढ़ रहे हैं वैसे ही ऑनलाइन ठगी (Online Fraud) के मामले भी तेज़ी से सामने आ रहे हैं। ऑनलाइन ठगी के लिए डेटा के संरक्षण को ज़िम्मेदार माना जा रहा है। इसका फायदा टेक्नोलॉजी से जुड़ी कंपनियां जमकर उठा रही हैं और कंज़्यूमर डेटा को बिना किसी इजाज़त के इस्तेमाल कर रही हैं, लेकिन अब ऐसा करना भारी पड़ सकता है।
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केंद्र सरकार ने शुक्रवार को डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (digital personal data protection bill) का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इसके तहत सरकार ने ने लोगों के निजी डेटा का इस्तेमाल करने पर कंपनियों पर पेनल्टी की राशि बढ़ाकर 250 करोड़ रुपये तक कर दी है।
लोगों के सभी तरह के डाटा को सुरक्षित सरकार यह बिल लेकर आई है बिना कंज्यूमर की मर्जी के डेटा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। कंपनियों को हर डिजिटल नागरिक को साफ और आसान भाषा में सभी जानकारी देगी। ग्राहक कभी भी अपनी सहमति को वापिस ले सकता है इसके साथ ही डेटा को गलत इस्तेमाल करने पर 250 करोड़ रुपये तक की पेनल्टी का प्रावधान किया गया है।
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इससे पहले भी सरकार संसद में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल लेकर आई थी। सरकार की ओर से बताया गया कि 11 दिसंबर 2019 को विधेयक को पेश किया गया था। इसके बाद इसे संसदीय समिति के पास भेजा गया था।
जेसीपी की रिपोर्ट दिसंबर 2021 में लोकसभा में पेश की गई थी विपक्ष की आपत्तियों के बाद सरकार ने इसे लोकसभा से वापस ले लिया था और कहा था कि कानूनी विचार विमर्श के बाद इसे पेश किया जाएगा। सरकार के मुताबिक, इसमें 81 संसोधन प्रस्तावित किए गए और 12 सिफारिशें की गईं।
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