डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: हरियाणा को चंडीगढ़ में विधानसभा जमीन दिए जाने देने का मामला दिन व दिन बढ़ता जा रहा है। खास बात यह है कि पंजाब के सियासी दल इस मसले पर एक हो गए हैं।
पंजाब सरकार, अकाली दल, कांग्रेस और अन्य राजनीतिक पार्टियां चंडीगढ़ को लेकर एकजुट होकर एक सुर में बात कर रही है। उन्होंने चंडीगढ़ पर पंजाब का हक बताया और हरियाणा को जमीन देने के प्रस्ताव का विरोध जताया।
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इसी के साथ ही भाजपा नेता अश्वनी शर्मा (Ashwani Sharma) ने हरियाणा को बेवाक जवाब देते हुए कहा कि अगर हरियाणा विधानसभा के लिए अलग से जमीन चाहिए तो वह कहीं ओर जमीन ढूंढ लें। आपको बता दे कि हरियाणा की नई विधानसभा के लिए रेलवे स्टेशन से आइटी पार्क को जाने वाले रोड पर दस एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव है।
आम आदमी पार्टी ने इसपर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि चंडीगढ़ पर केवल पंजाब का अधिकार है, इसलिए हरियाणा को किसी भी कीमत पर चंडीगढ़ में अपनी अलग विधानसभा बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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उन्होंने ट्वीट जारी करते हुए कहा कि चंडीगढ़ पंजाब का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा। हरियाणा को नई विधानसभा के लिए एक इंच भी जमीन नहीं दी जाएगी। हरियाणा को पंचकूला, करनाल या किसी अन्य जगह पर अपनी विधानसभा बनानी चाहिए। चंडीगढ़ पर केवल पंजाब का अधिकार है।
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इस मामले को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वह हरियाणा के प्रस्ताव को स्वीकार न करें। बाजवा ने अपने पत्र में लिखा कि यह फैसला आग से खेलने जैसा साबित होगा और दो दशकों में हजारों बेगुनाहों की जान कुर्बान करने के बाद हासिल हुई शांति को खतरे में डालने वाला होगा।
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