डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा (Brahm Shankar Jimpa) ने कहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार उन गाँवों में स्वच्छ पानी की आपूर्ति को सुनिश्चित बनाने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास कर रही है, जहाँ भूजल दूषित है। मुख्यमंत्री लोगों को सभी सुविधाएं उनके द्वार पर मुहैया करवाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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जिम्पा ने कहा कि दूषित पानी से प्रभावित गाँवों को पीने वाला साफ़ पानी मुहैया करवाने के अपने प्रयासों के अंतर्गत राज्य सरकार और विश्व बैंक द्वारा मोगा प्रोजैक्ट की शुरुआत की गई, जोकि क्षेत्र के दूषित पानी से प्रभावित गाँवों को साफ़ और स्वच्छ पीने वाला पानी मुहैया करवाने के लिए तैयार की गई एक व्यापक नहरी जल आपूर्ति योजना है।
उन्होंने कहा कि यह प्रोजैक्ट ऐसे क्षेत्रों के लिए एक मॉडल के तौर पर काम कर रहा है, जो साफ़ पीने वाले पानी की सप्लाई और जीवन स्तर में सुधार करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इस प्रोजैक्ट ने क्षेत्र के निवासियों के जीवन पर महत्वपूर्ण और परिवर्तनशील प्रभाव डाला है। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रोजैक्ट के ज़रिये साफ़, शुद्ध और सुरक्षित पीने वाले पानी तक पहुँच प्रदान करके पानी से होने वाली बीमारियों के प्रसार को घटाया है।
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जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के प्रमुख सचिव डी.के. तिवाड़ी और विभाग के प्रमुख मोहम्मद इशफाक ने कहा कि इस प्रोजैक्ट की सफलता पंजाब सरकार की दूरदर्शीता और सख़्त मेहनत का प्रमाण है। इससे यह उजागर होता है कि सही योजना, तालमेल और संसाधनों के उचित प्रयोग से लम्बे समय के लिए पीने योग्य पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित बनाने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के जीवन को और बेहतर बनाना संभव है।
सभी चुनौतियों के बावजूद यह प्रोजैक्ट एक बड़ी सफलता साबित हुआ है। 50 एमएलडी की क्षमता वाला वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट अब पूरी तरह से कार्यशील है, जो लगभग 4 लाख की आबादी वाले 85 गाँवों को साफ़ और सुरक्षित पीने वाला पानी प्रदान कर रहा है। इस प्लांट को स्थायी समाधान प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है, जिसमें ऊर्जा और पानी के उपभोग को कम करने के लिए अति-आधुनिक प्रौद्यौगिकी का प्रयोग किया गया है।
यह प्रोजैक्ट न केवल सुरक्षित पानी मुहैया करवा रहा है बल्कि रोज़ाना 5 करोड़ लीटर भूजल की बचत भी करेगा। जि़क्रयोग्य है कि पंजाब लम्बे समय से भारी धातुओं से होने वाले जल प्रदूषण, भूजल के घटते स्तर और पानी से होने वाली बीमारियों जैसे कि डायरिया, टाईफ़ाईड, हैज़ा, हैपेटाईटस बी और पेचिश के साथ जूझ रहा है।
इन मुद्दों के कारण कई इलाकों की आर्थिकता पर बुरा प्रभाव पड़ा है, क्योंकि निवासी पीने वाले प्रदूषित पानी के बुरे प्रभावों से निपटने के लिए अपना समय और संसाधनों को बेकार गवांने के लिए मजबूर थे।कबिलेगौर है कि मोगा प्रोजैक्ट गाँव दौधर में 50 एमएलडी की क्षमता वाला वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट है।
यह प्लांट नहरी पानी को साफ करने और क्षेत्र की पीने वाले पानी की ज़रूरतों को लम्बे समय तक स्थायी समाधान प्रदान करने के लिए तैयार किया गया था। यह प्रोजैक्ट मैसर्ज लार्सन एंड टुब्रो प्राईवेट लिमिटेड के सहयोग से डिज़ाइन, बिल्ड, ऑपरेट और ट्रांसफर (डी.बी.ओ.टी) आधार पर मुकम्मल किया गया है।