डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब विधान सभा के स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां ने मातृभाषा के बारे विधायकों को संवेदनशील बनाने का फ़ैसला किया है। विधान सभा के एक प्रवक्ता के अनुसार लोक महत्ता के विभिन्न मुद्दों पर विधायकों को संवेदनशील बनाने के लिए विधान सभा स्पीकर की तरफ से आरंभ की गयी मुहिम के तहत स. संधवां पंजाबी भाषा के बारे 7 फरवरी को विधान सभा सचिवालय में एक विचार-चर्चा रखी गई है।
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इसमें विधायकों, अधिकारियों और साहित्यकारों को शामिल होने का न्योता दिया गया है। प्रवक्ता के अनुसार स. संधवां ने 21 फरवरी को मनाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के मद्देनज़र इस बार मातृभाषा को प्रफुल्लित करने के लिए यह विचार-चर्चा रखी है। इसके साथ ही राज्य की अदालतों में मातृभाषा पंजाबी को लागू करने सम्बन्धी भी विधायकों को संवेदनशील बनाया जाएगा।
गौरतलब है कि पंजाब सरकार की तरफ से भी मातृभाषा की अहमीयत के बारे लोगों को अवगत करवाने और पंजाबी को लागू करने सम्बन्धी मुहिम आरंभ की हुई है। इसके तहत नवंबर महीने को पंजाबी माह के तौर पर मनाया गया। इस माह के दौरान अमृतसर में एक राज्य स्तरीय समागम के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बड़ा फ़ैसला करते हुए राज्य भर में 21 फरवरी, 2023 तक सभी बोर्डों पर पंजाबी भाषा को प्रमुख प्राथमिकता देने का ऐलान किया।
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कोई भी सरकारी, प्राईवेट या अन्य बोर्डों पर सबसे ऊपर पंजाबी भाषा लिखनी लाज़िमी होगी, इसके बाद कोई भी भाषा लिखी जा सकती है। अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी के बाद इन हुक्मों की पालना न करने पर जुर्माने किए जाएंगे। विधान सभा स्पीकर ने अदालतों में भी पंजाबी को लागू करवाने की महत्ता के बारे लामबंदी की है।