डेली संवाद, जालंधर। Punjab News: जालंधर डीसी दफ्तर में काम कर रहे वसीका नवीस का बेटा गिरफ्तार हो गया है। आरोप है कि वसीका नवीस का बेटा गौरव आरोड़ा आऱटीए आफिस में सबसे बड़ी दलाली का काम करता था। इस दलाली के काम में पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट घोटाले में व्हीकल इंस्पेक्टर (एम.वी.आई.) नरेश कलेर के साथ कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
विजीलैंस ब्यूरो की टीम ने आज एक और दलाल गौरव अरोड़ा, निवासी सैंट्रल टाऊन, जालंधर को गिरफ़्तार किया है। विजीलैंस ब्यूरो ने उसका मोबाइल फ़ोन और सिम कार्ड ज़ब्त कर लिया है जो इस घोटाले के बारे और जानकारी इकत्र करने के लिए डाटा माहिरों को भेजा जाएगा।
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इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि ब्यूरो ने एम.वी.आई., जालंधर के दफ़्तर में अगस्त 2022 में अचानक चैकिंग की और बड़े स्तर पर प्राईवेट एजेंटों के साथ मिलीभुगत करके व्यापारिक और निजी वाहनों की जांच किए बिना फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए किए जा रहे संगठित भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि पुख़्ता सबूतों के आधार पर विजीलैंस ब्यूरो के थाना जालंधर में मुकदमा नंबर 14 तारीख़ 23- 08- 2022 को भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 7 ए और आइपीसी की धारा 420, 120-बी के अधीन मामला दर्ज किया गया है। उधर, दलाल गौरव अरोड़ा का पिता डीसी दफ्तर में वसीका नवीस का काम करता है।
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इस मामले में कुल 13 मुलजिम पहले ही गिरफ़्तार किए जा चुके हैं जोकि जेल में बंद हैं जिनमें नरेश कलेर, रामपाल उर्फ राधे, मोहन लाल उर्फ कालू, परमजीत सिंह बेदी, सुरजीत सिंह और हरविन्दर सिंह, पंकज ढींगरा उर्फ भोलू, ब्रिजपाल सिंह उर्फ रिक्की, अरविन्द कुमार उर्फ बिंदु, वरिन्दर सिंह उर्फ दीपू, सपना, लवलीन सिंह लवी और राजेश सहोता (सभी प्राईवेट एजेंट) शामिल हैं। उन्होंने आगे बताया कि इस मामले की आगे जांच जारी है और बाकी भगौड़े मुलजिमों को जल्दी ही काबू कर लिया जाएगा।