Punjab News: झींगा पालन अपनाने के लिए मछली पालन विभाग द्वारा मुहैया करवाई जा रही है 40 से 60 प्रतिशत सब्सिडी

Daily Samvad
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डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब में सेम वाली बेकार पड़ी ज़मीन में झींगा (Shrimps) पालन को उत्साहित करने और पाँच सालों के दौरान झींगा पालन के अधीन क्षेत्रफल 5000 एकड़ करने के लक्ष्य को लेकर मछली पालन विभाग द्वारा राज्य स्तरीय झींगा पालन सैमीनार ज़िला श्री मुक्तसर साहिब के गाँव ईनाखेड़ा स्थित डैमौंस्ट्रेशन फार्म-कम-ट्रेनिंग सैंटर में करवाया गया।

मछली पालन विभाग द्वारा कैबिनेट मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर की रहनुमाई में पंजाब राज्य मछली पालन विकास बोर्ड की सहायता से करवाए गए एक दिवसीय सैमीनार के दौरान मुख्य मेहमान के तौर पर लम्बी से विधायक स. गुरमीत सिंह खुड्डीआं और ज़िला योजना बोर्ड के चेयरमैन स. सुखजिन्दर सिंह ने शिरकत की।

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सैमीनार में पहुँचे किसानों और मछली पालकों को संबोधन करते हुए डायरैक्टर और वार्डन मछली पालन विभाग जसवीर सिंह ने बताया कि साल 2022-23 के दौरान राज्य में 366 किसानों द्वारा 1212 एकड़ क्षेत्रफल में झींगा पालन किया जा रहा है जिससे लगभग 2400 टन झींगे की फ़सल प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि पंजाब के सेम और खारे पानी से प्रभावित और ज़ीरो आय वाली ज़मीनों में झींगा पालन करवाया जा रहा है, जो किसानों की आय बढ़ाने में सफल सिद्ध हुआ है।

उन्होंने कहा कि झींगा पालन का पेशा अपनाकर किसान एक एकड़ क्षेत्रफल में से तीन लाख रुपए की आय प्राप्त कर रहे हैं परन्तु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर झींगे की अधिक पैदावार होने के कारण इस साल झींगे का रेट किसानों को कम मिला है। उन्होंने ज़ोर दिया कि इसलिए झींगे की फ़सल की बिक्री के लिए लोकल मंडीकरण को विकसित करने की ज़रूरत है।

उन्होंने कहा कि सेम वाले इलाके में बेकार पड़ी ज़मीन को प्रयोग में लाकर लाभ कमाने के लिए यह बहुत लाभदायक पेशा है, इसलिए पंजाब सरकार इस क्षेत्र की तरफ ख़ास ध्यान दे रही है और सरकार ने सरहदी ज़िलों में झींगा पालन को और प्रफुल्लित करने के उद्देश्य से अगले पाँच सालों के दौरान 5000 एकड़ क्षेत्रफल में झींगा पालन अपनाने की रणनीति बनायी है। उन्होंने कहा कि सैमीनार का मुख्य उद्देश्य राज्य में झींगा पालन को प्रफुलित करने में आ रही दिक्कतों को समझना और इसका हल निकालना है।

सैमीनार में करीब 350 झींगा पालकों और व्यापारियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान पशु पालन, मछली पालन, डेयरी विभाग, सोलर पावर प्लांट पीडा और झींगा पालन से सम्बन्धित उत्पादों जैसे फीड, खादें, प्रोबाईटकस, एरीएटरज़, वेल्यु एडिड प्रोडक्टस जैसे झींगे का आचार आदि सम्बन्धी विभिन्न 17 प्रदर्शनियाँ किसानों की जानकारी में वृद्धि के लिए लगाई गईं।

विधायक स. गुरमीत सिंह खुड्डीआं और ज़िला योजना बोर्ड के चेयरमैन स. सुखजिन्दर सिंह ने अपने संबोधन में किसानों को विभागीय सहूलतों का लाभ लेते हुए अधिक से अधिक क्षेत्रफल मच्छी/झींगा पालन के अधीन लाने, कोल्ड स्टोरेज और प्रोसैससिंग प्लांट लगाने की अपील की। स. गुरमीत सिंह खुड्डीआं ने किसानों को भरोसा दिलाया कि पंजाब सरकार किसानों को झींगा पालन के दौरान आने वाली मुश्किलों के हल के लिए यत्नशील है।

उन्होंने कहा कि सरकार झींगे के स्थानीय मंडीकरण की संभावनाएं तलाशेगी। उन्होंने बताया कि झींगा पालन के पेशे की शुरुआत करने, ढुलाई के लिए ट्रांसपोर्ट वाहनों जैसे साइकिल, मोटर-साइकिल, आटो-रिक्शा, इनसुलेटिड और रैफ़रीजरेटिड गाड़ियों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है जिसके लिए सब्सिडी जनरल वर्ग के लिए 40 प्रतिशत और एस. सी/एस. टी/महिलाओं और उनकी स्वै-सहायता संस्थाओं के लिए 60 प्रतिशत है।

डिप्टी कमिश्नर विनीत कुमार ने किसानों की झींगा पालन के दौरान बिजली सम्बन्धी आने वाली दिक्कतों के हल के तौर पर आनगरिड्ड सोलर पावर प्लांट लगवाने के लिए प्रशासन द्वारा सहयोग देने का भरोसा दिलाया और मुख्य मेहमान को झींगा पालन को खेती अदारे के अधीन लाने की विनती की। गुरू अंगद देव वैटरनरी यूनिवर्सिटी लुधियाना और इस क्षेत्र में तकनीकी सहयोग प्रदान कर रहीं अन्य संस्थाओं के माहिरों और वैज्ञानिकों ने झींगा पालन से जुड़ी नई खोजों सम्बन्धी विचार सांझा किए।

मुख्य मेहमानों द्वारा झींगा पालन सम्बन्धी विभागीय ट्रेनिंग मैनुअल जारी करने के इलावा ज़िले के प्रगतिशील किसानों को सम्मानित भी किया गया। सैमीनार के दौरान डेयरी विभाग के डायरैक्टर स. कुलदीप सिंह जस्सोवाल, एस.डी.एम. कंवरजीत सिंह और सहायक डायरैक्टर मछली पालन केवल कृष्ण भी मौजूद थे।

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