Chaitra Navratri 2023 Day 3: चैत्र नवरात्रि का आज तीसरा दिन, जाने मां चंद्रघंटा की कथा और उनकी पूजा का महूर्त

Daily Samvad
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डेली संवाद, चंडीगढ़। Chaitra Navratri 2023 Day 3: आज चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) की उपासना की जाती है। मां दुर्गा की तीसरी शक्ति को चंद्रघंटा कहा जाता है। मां चंद्रघंटा का रूप सौम्य है। मां को सुगंध बहुत ही प्रिय है। देवी पुराण के अनुसार देवी दुर्गा के तृतीय स्वरूप को चंद्रघंटा कहा जाता है। देवी के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्द्धचंद्र सुशोभित है, इसलिए इनका नाम चंद्रघंटा पड़ा।

Maa Chandraghanta

मां चंद्रघंटा को शांति व कल्याण का प्रतीक माना जाता है। 10 भुजाओं वाली मां चंद्रघंटा अपने हाथों में चक्र, गदा, धनुष, तलवार, त्रिशूल, कमल, माला, कमंडल आदि धारण करती हैं। वह सिंह पर सवार होती हैं। उनके माथे पर घंटे के आकार का चंद्रमा है, इसलिए इनका नाम मां चंद्रघंटा है। मां चंद्रघंटा का रूप अत्यंत कल्याणकारी और शांतिदायक होता है। मां के शरीर का रंग स्वर्ण की तरह चमकीला होता है।

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मां चद्रघंटा कथा (Maa Chandraghanta Katha)

पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां दुर्गा ने मां चंद्रघंटा का रूप तब धारण किया था जब दैत्यों का आतंक स्वर्ग पर बढ़ने लगा था। महिषासुर का आंतक और भयंकर युद्ध देवताओं से चल रहा था। क्योंकि महिषासुर देवराज इंद्र का सिंहासन प्राप्त करना चाहता था और स्वर्ग लोक पर अपना आधिपत्य जमाना चाहता है। जब देवताओं को इसका पता चला तो सभी परेशान हो गए और भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पास पहुंचे।

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त्रिदेवों ने देवताओं की बात सुनी और क्रोध प्रकट किया। कहा जाता है इसी क्रोध से त्रिदेवों के मुख से एक ऊर्जा निकली और उसी ऊर्जा से एक देवी अवतरित हुईं, जिनका नाम मां चंद्रघंटा है। उस देवी को भगवान शंकर ने अपना त्रिशूल, विष्णुजी ने अपना चक्र, इंद्र ने अपना घंटा, सूर्य ने अपना तेज और तलवार और सिंह प्रदान किया। इसके बाद मां चंद्रघंटा ने महिषासुर का वध कर देवताओं और स्वर्ग लोक की रक्षा की।

मां चंद्रघंटा पूजा मुहूर्त 2023 (Maa Chandraghanta Puja Mahurat)

पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि का प्रारंभ 23 मार्च गुरुवार को शाम 06 बजकर 20 मिनट से हुआ है और यह तिथि आज 24 मार्च शुक्रवार को शाम 04 बजकर 59 मिनट तक है। आज सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 21 मिनट से दोपहर 01 बजकर 22 मिनट तक है। रवि योग दोपहर 01 बजकर 22 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 20 मिनट तक है।

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