डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab Cabinet Meeting: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। इस बैठक में कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा भी मौजूद थे। दोनों ने कैबिनेट बैठक में फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले दिनों हुई भारी बारिश से किसानों और मजदूरों को हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा।
मंत्री धालीवाल ने कहा कि सीएम मान द्वारा 15 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिए जाने पर कैबिनेट की मुहर लग गई है। जिन किसानों की फसल 33 से 75 फीसदी तक खराब हुई है, उन्हें 6800 रुपए मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही पटवारी द्वारा गांव के सामान्य स्थान पर गिरदावरी कराई जाएगी। इसमें पिछले और वर्तमान के नुकसान भी शामिल होंगे। जिन घरों को भारी बारिश के कारण मामूली क्षति हुई है, उन्हें 5200 रुपये दिए जाएंगे।
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मंत्री धालीवाल ने कहा कि जिन आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का पूरा मकान गिर गया है, उन्हें सरकार 1.20 लाख रुपये की सहायता देगी। साथ ही सरकार ने गेहूं की फसल में बदलाव लाने के लिए बासमती फसल को प्राथमिकता देने का फैसला किया है। बासमती की अधिक से अधिक पैदावार के प्रयास किए जाएंगे। साथ ही हर छूट के लिए एरिया भी बढ़ाया जाएगा। साथ ही पीएयू द्वारा स्वीकृत सॉफ्ट बीज पर किसानों को 33 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
मंत्री धालीवाल ने इस अहम फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि पंजाब में जो भी आज नकली दवाइयां बनाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उसे जेल में डाल दिया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति या कंपनी नकली दवा बनाती है तो उस कंपनी की पंजाब में एंट्री बंद कर सील कर दी जाएगी। पंजाब सहकारी बैंकों का कर्ज केवल छमाही किश्तों पर माफ किया गया है। किस्त अगली फसल की रिकवरी के दौरान ली जाएगी।
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कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि पिछले दिनों जमीन की रजिस्ट्री के लिए एक माह की मोहलत दी गई थी, जिसका पंजाब के लोगों ने फायदा उठाया। सरकार के पास 3950 करोड़ का लक्ष्य था। विगत 30 मार्च तक 4100 करोड़ से अधिक राजस्व, स्टाम्प शुल्क वसूल किया जा चुका है। लोगों की इस सुविधा और लाभ को देखते हुए पंजाब सरकार ने इस योजना को एक महीने और बढ़ाने का फैसला किया है। अब लोग मौजूदा रेट के हिसाब से ही 30 अप्रैल तक रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।
मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि पानी के बिना खेती संभव नहीं है। लेकिन पंजाब का भूजल स्तर हर साल करीब 1.25 मीटर नीचे जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब में 1857 का कनाल एंड ड्रेनेज एक्ट है। इससे किसानों को नहर के पानी का प्रबंधन करने में करीब 240 दिन लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि अब इस पुराने अधिनियम में संशोधन किया गया है। इस अधिनियम में संशोधन से किसान के खेत में नहरी पानी के लिए आवेदन करने पर करीब डेढ़ माह में पानी की व्यवस्था हो जाएगी।