डेली संवाद, अमृतसर। Punjab News: भारतीय जनता युवा मोर्चा पंजाब के प्रदेश उपाध्यक्ष गौतम अरोड़ा ने भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा पंजाब के महासचिव बलविंदर गिल को कुछ अज्ञात नकाबपोशों द्वारा उनके घर के बाहर जानलेवा हमला करते हुए गोलियां मार जाने तथा बठिंडा में महिला पर जानलेवा किए जाने की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जब से पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है तब से राज्य में कानून व्यवस्था की हालत बदतर हो गई है।
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आम आदमी पार्टी के शासन में पंजाब में पिछले एक वर्ष में यूपी-बिहार से भी बदतर हालात हो गए हैं। हर तरफ डर का माहौल है। गौतम अरोड़ा ने कहा कि पंजाब में मसखरा मुख्यमंत्री नहीं बल्कि योगी जैसा मुख्यमंत्री चाहिए। गौतम अरोड़ा ने कहा कि भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के महासचिव बलविंदर गिल जो कि पार्टी के दिशा-निर्देश पर जालंधर लोकसभा उपचुनाव में प्रचार के कार्य में लगे हुए थे, को घर से बाहर बुला कर गोलियां मारी गई हैं।
पंजाब में गैंगस्टरों, अपराधियों व देश-विरोधी ताकतों की गतिविधियों में हुई बढ़ौतरी
इसके पीछे कहीं कोई राजनीतिक षड्यंत्र तो नहीं? क्या उन्हें चुनाव प्रचार से रोकने की कोशिश में यह हमला मौजूदा पंजाब सरकार द्वारा तो नहीं करवाया गया? इसकी सब पहलुओं पर जांच होनी चाहिए।गौतम अरोड़ा ने कहा कि जब से पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है तब से पंजाब में कानून-व्यवस्था नाम की चीज़ बिलकुल खत्म हो गई है। भगवंत मान सरकार बनने के बाद पंजाब में गैंगस्टरों, अपराधियों व देश-विरोधी ताकतों की गतिविधियों में बढ़ौतरी हुई है।
सरकार अंधी-बोली और नपुंसक होकर देख रही तमाशा
मुख्यमंत्री भगवंत मान पंजाब को भगवान भरोसे छोड़ कर खुद अन्य राज्यों की सैर में व्यस्त हैं। आज पंजाब की जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। कोई ऐसा दिन नहीं गुजरता जब हत्या नहीं होती। पंजाब सरकार अंधी-बोली और नपुंसक होकर तमाशा देख रही है और इसका खामियाजा पंजाब का आम जनता भुगत रही है।
शिवसेना नेता सुधीर सूरी की पुलिस के समक्ष हत्या, आम आदमी पार्टी के नेता द्वारा प्रोपर्टी को लेकर हुए झगड़े में पुलिस के सामने नौजवान की हत्या, अंतर्राष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी सहित अन्य कबड्डी खिलाड़ियों की हत्या, कबड्डी मैचों में पुलिस की नाक के नीचे सरेआम गोलीबारी की घटनाएं आदि जसी कई घटनाएँ पंजाब के अलग-अलग जिलों में घटित हो चुकी हैं। अमृतपाल सिंह और उनके साथियों ने हथियारों के बल पर थाने पर कब्जा कर पंजाब पुलिस से मारपीट की गई, जिसने पंजाब में डर का माहौल बनाया।
गैंगस्टर और अलगाववादी ताकतें बड़े पैमाने पर घटनाओं को दे रहे अंजाम
पंजाब सरकार के मुख्यमंत्री भगवंत मान अपना एक रटा रटाया जवाब कि ‘पंजाब में कानून-व्यवस्था ठीक है और किसी को भी पंजाब की शांति भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी’ कह कर जनता के प्रति अपने कर्तव्यों से पल्ला झाड़ लेते हैं। गौतम अरोड़ा ने कहा कि पंजाब में मौजूदा हालात बहुत चिंताजनक बन चुके है। गैंगस्टर और अलगाववादी ताकतें बड़े पैमाने पर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। लोगों में डर का माहौल बन चुका है।
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उन्होंने कहा कि अपराधियों पर शिकंजा कसने में बार-बार फेल साबित होने से पंजाब सरकार व पंजाब पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में आती है। इससे असामाजिक तत्वों का मनोबल इतना बढ़ गया है, कि वह लोग दिन-दिहाड़े व् पुलिस की नाक के नीचे वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। अपराधियों में कानून का भय समाप्त हो गया है, जो सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
मान सरकार की चुप्पी का क्या मतलब?
गौतम अरोड़ा ने कहा कि लगता है कि भगवंत मान सरकार ने असमाजिक तत्वों व् अपराधियों के समक्ष घुटने टेक दिए हैं। पंजाब की बदतर कानून-व्यवस्था के मामले में भगवंत मान सरकार की चुप्पी का क्या मतलब है? भगवंत मान और केजरीवाल दोनों मिलकर पंजाब को काले दौर में धकेलने पर तुले हुए हैं। भगवंत मान पंजाब की सत्ता संभालने में नाकाम रहे हैं। ऐसे मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। इस अवसर पर उनके साथ ऋषभ शर्मा तथा गौरव महरा भी उपस्थित थे।