डेली संवाद, चंडीगढ़। Gangster Mukhtar Ansari: उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर मुख्तार अंसारी से जुड़े लाखों रुपये के कानूनी खर्च को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने देने से इनकार कर दिया है। मुख्यमंत्री के ओएसडी बलतेज पन्नू के मुताबिक इस संबंध में करीब 55 लाख रुपये की भुगतान की फाइल वापस कर दी गई है। यह बिल सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील का था।
जिन्होंने कैप्टन सरकार के दौरान पंजाब की रोपड़ जेल में मुख्तार अंसारी की हाजिरी बरकरार रखने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ा था। इस वकील की एक-एक पेशी पर पंजाब सरकार को करीब 11 लाख रुपए का खर्च आया। राज्य में मुख्तार अंसारी के खिलाफ करीब 47 मुकदमे दर्ज हैं, जिसके लिए विशेष अदालत का गठन किया गया है।
ये भी पढ़ें: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर को पुलिस ने एयरपोर्ट के बाहर पकड़ा, विदेश भागने की फिराक में थी
यूपी पुलिस चाहती थी कि पंजाब सरकार मुख्तार अंसारी को वापस भेजे, लेकिन पंजाब सरकार अंसारी को वापस भेजने से इनकार करती रही। जंहा इस बात का पता चला है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 बार पंजाब सरकार को पत्र लिखकर मुख्तार अंसारी की वापसी की मांग की थी और हर बार पंजाब सरकार ने मुख्तार अंसारी की खराब तबीयत का जिक्र किया था।
ये भी पढ़ें: BJP नेता के मॉल में खुले स्पा सैंटर में चल रहा था देहव्यापार का धंधा
आखिरकार उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके खिलाफ पंजाब सरकार ने एक वरिष्ठ अधिवक्ता की सेवाएं लेकर केस लड़ा। इसी मामले का फीस बिल 55 लाख रुपए था। मुख्यमंत्री कार्यालय को लगता है कि क्यों 55 लाख रुपये का बोझ राजकोष पर डाला जाए, जिसके कारण भुगतान की गई फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा वापस कर दी गई है।