डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जीरी सीजन के लिए पंजाब सरकार के नए फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले साल की सफलता के अनुभव से सीख लेते हुए पंजाब को इस बार भी जीरे के सीजन में चार भागों में बांटा जाएगा। इसी के साथ भूजल को बचाने के लिए जीरे की बुआई एक साथ करने की बजाय अलग-अलग समय पर की जाएगी।
सीएम मान ने कहा कि पहले जोन में सीमा बाड़ के पार किसान 10 जून से जीरा बो सकेंगे। यहां के सभी किसानों को दिन के समय बिजली मुहैया कराई जाएगी क्योंकि सीमा क्षेत्र होने के कारण रात के समय काफी दिक्कतें होती हैं। मान ने कहा कि यह सुझाव खुद किसानों ने दिया है। किसानों को 8 घंटे या उससे अधिक समय तक बिजली मिल सकती है।
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फिरोजपुर, फरीदकोट, श्री फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर, शहीद भगत सिंह नगर और तरनतारन के किसान भी 16 जून से जीरा बो सकेंगे। इसलिए 8 घंटे बिजली मिलेगी और जहां नहरी पानी की सुविधा होगी वहां नहर का पानी भी मिलेगा। तीसरे चरण में रूपनगर, रोपड़, साहिबजादा अजीत सिंह नगर, मोहाली, कपूरथला, लुधियाना, फाजिल्का, बठिंडा और अमृतसर के किसान 19 जून से जीरा बो सकेंगे।
इसके अलावा 21 जून से बाकी 9 जिलों के किसान जीरे की बुवाई कर सकेंगे। इनमें पटियाला, जालंधर, श्री मुक्तसर साहिब, होशियारपुर, संगरूर, मलेरकोटला, बरनाला और मनसा शामिल हैं। 21 जून से यहां लगातार बिजली आपूर्ति होगी। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि पिछली बार की तरह इस बार भी मोटर बंद कर जीरी लगाई जाएगी।
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उन्होंने कहा कि पंजाब में बिजली की कोई कमी नहीं है। डेढ़ माह का कोयला उपलब्ध है। उन्होंने किसानों से पूसा की फसल से बचने के लिए भी कहा क्योंकि इसमें समय के साथ बहुत अधिक बिजली और पानी की खपत होती है। एक अन्य महत्वपूर्ण डीएसआर ने निर्णय लिया है कि जो किसान बिना कद्दू की सीधी बुआई करेंगे उन्हें 1500 रुपये प्रति एकड़ मानदेय दिया जाएगा क्योंकि जल बचाने वालों को सम्मानित किया जाना है भले ही इसे सब्सिडी कहा जाए।