डेली संवाद, चंडीगढ़। Germany Recession: यूरोप (Europe) की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था माने जाने वाली जर्मनी (Germany) मंदी की चपेट में आ चुका है। इस बात की जानकारी देश की स्टैटिक्स डिपार्टमेंट ने गुरुवार (25 मई) को दी। दूसरी ओर अमेरिका के ऊपर भी डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है।
आज अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने घोषणा की कि ऐसी कोई आशंका नहीं है। हालांकि, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि कोरोना महामारी के बाद से दुनिया की अर्थव्यवस्था पर जोरदार मार पड़ी है। इस दौरान दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत से लोगों को उम्मीदें बंध चुकी है। हाल ही में वर्ल्ड स्टैटिक्स रिपोर्ट के मुताबिक भारत पर मंदी का खतरा 0 फीसदी है।
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वहीं एशियन डेवलपमेंट बैंक के एक हालिया रिपोर्ट में दिखाया गया की फाइनेंशियल ईयर 2023 में भारत की GDP 6.4 फीसदी बढ़ेगी, जो अगले साल 2024 में बढ़कर 6.7 फीसदी हो जाएगी। भारत के लिए ADB कंट्री डायरेक्टर ताकेओ कोनिशी ने कहा था कि वैश्विक मंदी के बावजूद भारत की आर्थिक विकास दर कई देशों के अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में मजबूत है।
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पहले अमेरिका का डिफॉल्ट होने का खतरा और फिर जर्मनी में मंदी शुरू होना। इन दो बातों से दुनिया की टॉप 5 मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देश चीन और जापान की मुश्किलें बढ़ गई है। इसकी सबसे मुख्य वजह है अमेरिका के सरकारी कर्ज में चीन और जापान सबसे बड़े विदेशी इन्वेस्टर है। अमेरिका ने अब तक जितना कर्ज लिया है, उसमें से 2 ट्रिलियन डॉलर का हिस्सा रखते हैं।
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