डेली संवाद, जालंधर/चंडीगढ़। Punjab Cabinet Reshuffle: पंजाब के अमृतसर से विधायक डॉ. इंद्रबीर सिंह निज्जर (Inderbir Singh Nijjar) को आखिर क्या कारण रहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उनकी कुर्सी छीन ली। निकाय मंत्री पद से अचानक निज्जर को इस्तीफा देना पड़ा गया। हालांकि उन्होंने इसका कारण निजी बताया, लेकिन इस इस्तीफे के पीछे 3 वजह चर्चा में हैं। जिसमें सबसे बड़ी वजह विजिलेंस जांच के खिलाफ बयानबाजी करना है। इससे सरकार की किरकिरी हुई।
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डॉ. निज्जर ने बीते साल जुलाई महीने में मंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन इससे पहले भी उन्हें एक अहम जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सरकार बनाए जाने के बाद आम आदमी पार्टी ने डॉ. निज्जर को प्रोटेम स्पीकर बनाया था। इसके बाद उन्हें मंत्री बनाया गया। निकाय मंत्री बने हुए 11 महीने हो चुके थे, लेकिन डॉ. निज्जर सरकार को खुश करने के लिए कोई अहम काम नहीं कर पाए।
पंजाब में नगर निगमों को इलैक्शन है। एसे में स्थानीय निकाय मंत्री की कारगुजारी बिल्कुल शून्य थी। दूसरा जालंधर के वे प्रभारी मंत्री भी थे। लेकिन शहर में लोकसभा उपचुनाव में कोई खास करिश्मा नहीं हुआ। जालंधर सैंट्रल और नार्थ हलके से आप बुरी तरह से हारी। इसका जिक्र खुद दिल्ली में अरविंद केजरीवाल भी कर चुके हैं।
इससे अलग सरकार बीती फरवरी से निकाय चुनाव करवाने की कोशिशों में जुटी हुई है, लेकिन नगर निगम अपनी वार्डों की नक्शाबंदी का काम ही पूरा नहीं कर पाईं। अब जालंधर उपचुनावों में जीत के बाद AAP जल्द पंजाब में नगर निगम चुनाव करवाना चाहती है।
वह वीडियो जिसके कारण निज्जर की कुर्सी चली गई
डॉ. बरजिंदर सिंह हमदर्द के हक में बोलना पड़ा महंगा
सरकार की डॉ. निज्जर से अहम नाराजगी उनका सीनियर जर्नलिस्ट डॉ. हमदर्द के समर्थन में आना भी बताया जा रहा है। इस्तीफे से दो दिन पहले ही निज्जर ने एक इंटरव्यू में सीनियर जर्नलिस्ट पद्म भूषण डॉ. बरजिंदर सिंह हमदर्द को क्लीन चिट दे दी थी।
दरअसल, करतारपुर स्थित जंग-ए-आजादी के निर्माण के समय पैसों की धांधली की जांच विजिलेंस कर रही है। बीते दिनों विजिलेंस की तरफ से डॉ. हमदर्द को भी नोटिस भेजा गया था। जिसका विरोध विरोधी पार्टियों ने भी किया, लेकिन अमृतसर में एक कार्यक्रम से निकलते हुए डॉ. निज्जर ने डॉ. हमदर्द की इज्जत करने व उन्हें बेकसूर बता दिया था। उन्होंने घोटाले के पीछे ठेकेदारों के होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि वह प्लानिंग में थे, काम तो ठेकेदारों ने किया था।
लोकल बॉडी स्तर पर नहीं हुए बड़े काम
लोकल बॉडी के स्तर पर सरकार के पास कोई ऐसा बड़ा काम नहीं है, जो लोगों को बताया जा सके और वोट मांगे जाएं। हालांकि सरकार 300 यूनिट तक फ्री-बिजली व मोहल्ला क्लीनिक के नाम पर वोट मांगेगी, लेकिन शहरों में बड़े काम अधूरे पड़े हैं। लोकल बॉडी स्तर पर दी जाने वाली मूलभूत सुविधाएं पानी, सीवरेज, स्ट्रीट लाइटों आदि की समस्याएं वैसे की वैसे खड़ी हैं।
नहीं रुक पाए अवैध निर्माण
सरकार ने अवैध कॉमर्शियल निर्माण रोकने और उससे पैसे इकट्ठा करने की बातें कहीं थी, लेकिन यह काम आज भी बड़े स्तर पर चल रहे हैं। इससे लोग भी खफा हैं और सरकार भी। लोकल बॉडी विभाग इस काम को रोकने में असफल दिखा। यह भी एक बड़ा कारण है, जिससे सरकार डॉ. निज्जर से खफा नजर आई।
सिद्धू ने सीएम मान को अहंकारी मुख्यमंत्री बताया
उधर विरोधियों ने डॉ. निज्जर के इस्तीफे के बाद सरकार को घेरा भी है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने निकाय मंत्री डॉ. इंद्रबीर सिंह निज्जर के इस्तीफे के बाद सीएम भगवंत मान को अहंकारी मुख्यमंत्री बताते हुए ट्वीट भी किया है।
इस पोस्ट के साथ नवजोत सिंह सिद्धू ने एक वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें डॉ. निज्जर सीनियर जर्नलिस्ट पद्म भूषण डॉ. बरजिंदर सिंह हमदर्द व जंग-ए-आजादी के प्रोजेक्ट पर अपनी बात रखते दिख रहे हैं।
सिद्धू ने ट्वीट में क्या लिखा
सिद्धू ने ट्वीट कर लिखा कि- यह ‘लोकतंत्र’ नहीं है यह ‘सतर्कता-तंत्र’ है… एक ‘अहंकारी मुख्यमंत्री’ से उपजी धमकी, दमन और दमन की राजनीति जो कम प्रदर्शन के झूठे बहाने के तहत ईमानदार होने के लिए हमदर्द साहब का समर्थन करने के बयान के बाद अपने ही मंत्री को हटा देता है।
पंजाब में नैतिक रूप से भ्रष्ट आप सरकार को निज्जर और कुंवर विजय प्रताप जैसे लोग लगातार आइना दिखाते रहे हैं…विश्वसनीयता और नैतिक अधिकार वाले बुद्धिजीवियों को नजर-अंदाज कर हटा दिया जाता है और उनके कुकर्मों में भागीदार बनने वालों को पुरस्कृत किया जाता है…
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आप भ्रष्ट तंत्र का समर्थन करने वाले चापलूस चाहते हैं और आपकी इच्छाओं के लिए कठपुतली के रूप में काम करते हैं … भ्रष्ट व्यवस्था को बदलने के लिए आपका प्रतीकात्मक उपदेश स्पष्ट रूप से उस लूट माफिया के संरक्षण के साथ नाली में गिर गया है जिसे आपने एक बार खत्म करने की बात की थी।