डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: आम आदमी पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार के निर्देश पर पंजाब और राज्य की भगवंत मान सरकार के खिलाफ साजिश रची जा रही है। राज्य की विपक्षी पार्टियां भी उनका समर्थन कर रही हैं। ‘मेरी सरकार’ कहना तो दूर अपनी रचनात्मक जिम्मेदारियों से भी पंजाब के राज्यपाल भाग रहे हैं।
आप के मुख्य प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग ने प्रेस कांफ्रेंस में कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पंजाब के राज्यपाल रहते हुए पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा की भागीदारी की खुलकर वकालत की, लेकिन दुर्भाग्य कि तथाकथित पंजाब समर्थक विपक्षी दल और उनके नेता इस गंभीर मुद्दे पर मुंह तक नहीं खोलते।
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उन्होंने कहा कि पिछले दिनों राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित विधानसभा के पिछले सत्र में ‘मेरी सरकार’ न कहने के मुद्दे पर एक पत्रकार की ओर सवाल पूछे जाने पर अपनी गलती से इन्कार किए जाने पर कंग ने कहा कि उन्होंने स्पष्ट झूठ बोला।
कंग ने एक वीडियो साझा किया और राज्यपाल से अपने संवैधानिक पद की गरिमा का खयाल रखने का अनुरोध किया। वीडियो का हवाला देते हुए कंग ने कहा कि केंद्र के निर्देश पर पंजाब के राज्यपाल लगातार पंजाब और पंजाब सरकार के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। इसमें विपक्षी दल भी उनका साथ दे रहे हैं।
कंग ने सवाल किया कि क्या राज्यपाल साहब, जो पंजाब की सीमाओं सहित राज्य में विभिन्न स्थानों का दौरा कर चुके हैं और खुद को पंजाब के हितैषी के रूप में पेश करते हैं, क्या कभी केंद्र सरकार से सवाल कर सकते हैं कि उसने राज्य के आरडीएफ और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का पैसा क्यों रोक रखा है? उन्होंने कहा कि केंद्र लगातार पंजाब को धक्का दे रहा है, लेकिन पंजाब के राज्यपाल की मोदी सरकार के खिलाफ कुछ भी कहने की हिम्मत नहीं है।
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राज्यपाल के पंजाब दौरों पर सवाल उठाते हुए कंग ने कहा कि गुजरात या उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे बड़े सीमावर्ती राज्यों में जहां भाजपा की सरकारें हैं और जहां से नशे की बड़ी खेप बरामद की जा रही है, दलित लड़कियों की प्रतिदिन हत्या की जा रही है, लेकिन फिर भी वहां के राज्यपालों की कुछ कहने की हिम्मत नहीं होती, लेकिन पंजाब के राज्यपाल रोज राजनीति करने का बहाना ढूंढ़ते हैं।
विपक्षी पार्टियों को निशाने पर लेते हुए कंग ने सवाल किया कि खुद को पंजाब समर्थक कहने वाले इन दलों ने तब कुछ क्यों नहीं कहा जब हाल ही में पंजाब यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर राज्यपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और हरियाणा को यूनिवर्सिटी में हिस्सा देने की वकालत की। इस पर विपक्ष क्यों नहीं बोला।