डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर की वार्डबंदी अगर अपत्तियों के बाद भी दुरुस्त नहीं हुई तो सांसद सुशील रिंकू के करीबी पूर्व पार्षद और नेता अपने मुताबिक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। जिससे उन्हें अभी से हार का गम सताने लगा है। दो एसे करीबी नेता हैं, जो चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
सासंद सुशील रिंकू पर अब इस बात की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि जिन लोगों ने रिंकू की जीत में अहम भूमिका निभाई है, अब उन्हें कौंसलर बनाने में रिंकू भी अहम भूमिका निभाएं। इसे लेकर पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर कमलजीत सिंह भाटिया, खादी बोर्ड के पूर्व डायरेक्टर मेजर सिंह, पूर्व कौंसलर बलविंदर सिंह लाडा, एडवोकेट संदीप वर्मा और मंजीत सिंह टीटू ने निगम में आपत्तियां दर्ज कराई हैं।
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यही नहीं, र्व सीनियर डिप्टी मेयर कमलजीत सिंह भाटिया, खादी बोर्ड के पूर्व डायरेक्टर मेजर सिंह, पूर्व कौंसलर बलविंदर सिंह लाडा, एडवोकेट संदीप वर्मा और मंजीत सिंह टीटू ने सांसद सुशील रिंकू से मिलकर वार्डबंदी पर एतराज जताया है और कहा है कि वार्ड को दुरुस्त करवाया जाए।
पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर कमलजीत सिंह भाटिया ने कहा है कि उनका पुराना वार्ड 45 था, जिसे अब 51 नंबर दिया दिया गया। लेकिन नए वार्ड में तोड़फोड़ किया गया है। भाटिया के मुताबिक चार वार्डों को जोड़कर एक वार्ड बनाया गया है, जिससे पूरा वार्ड ही डिस्टर्ब हो गया है। उन्होंने सांसद रिंकू से मांग की है कि वार्ड को दुरुस्त करवाया जाए।
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खादी बोर्ड के पूर्व डायरेक्टर मेजर सिंह ने कहा है कि वार्डबंदी का नक्शा देखकर यह लगता है कि किसी अनपढ़ व्यक्ति के अपने हिसाब से टेढ़ी मेढ़ी लाइन खींच दी है। चंडीगढ़ में बैठकर लाइन खींच कर पूरे वार्ड का सत्यानाश कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस पर आपत्ति दर्ज करवाई गई है, साथ ही सांसद सुशील रिंकू से आग्रह किया गया है कि वार्ड को दुरुस्त करवाया जाए।
आपको बता दें कि जब डिलिमिटेशन बोर्ड की बैठक में जालंधर की वार्डबंदी का ड्राफ्ट तैयार किया गया, तब सुशील रिंकू सत्ता में नहीं थे। लोकसभा चुनाव से पहले सुशील रिंकू ने AAP ज्वाइन किया और पार्टी ने उन्हें टिकट देकर सांसद बनवाया। इससे पहले डिलिमिटेशन बोर्ड में विधायक शीतल अंगुराल, रमन अरोड़ा और तब विधायक अब मंत्री बलकार सिंह इसमें शामिल थे।