डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर नगर निगम के बिल्डिंग इंस्पैक्टर और एटीपी की मिलीभगत से शहर में अवैध रूप से दुकानें बन रही हैं। हैरानी की बात तो यह है कि जिस अवैध निर्माण को दो महीने पहले सील किया गया था, उसकी न केवल सील खोल दी गई है, बल्कि उसे बनवा भी दिया गया।
नेहरू गार्डन रोड पर एजीआई होटल के पास अवैध रूप से बन रही एक कामर्शियल इमारत को एटीपी रहे सुखदेव वशिष्ठ ने सील कर दिया था, क्योंकि इस कामर्शियल निर्माण का कोई नक्शा पास नहीं था। इसके बाद सुखदेव वशिष्ठ पर तमाम दबाव बनाया गया, लेकिन उन्होंने अवैध इमारत को नहीं खुलने दिया।
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बिल्डिंग माफिया की सांठगांठ देखिए, सुखदेव वशिष्ठ को बिल्डिंग ब्रांच से ही हटवा दिया। इसके बाद तत्कालीन एमटीपी नरिंदर शर्मा और एक महिला एटीपी ने मिलकर अवैध इमारत की सील खुलवाने और उसे पूरा बनवाने का ठेका ही ले लिया। जिससे उक्त अवैध इमारत आज बनकर खड़ी हो गई।
बिल्डिंग बायलाज के नियमों को दरकिनार कर एमटीपी ने इंस्पैक्टर से छत बदलवाने की रिपोर्ट लगवाई, हैरानी की बात तो यह है कि अवैध कामर्शियल इमारत जो सील थी, उसकी बिल्डिंग ब्रांच ने छत बदलवाने की स्कीम में रिपोर्ट लगाकर सील खुलवाने और उस अवैध निर्माण को पूरा करने में अफसरों का पूरा साथ दिया।
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इस सील की गई अवैध कामर्शियल इमारत को खुलवाने के लिए इंस्पैक्टर, एटीपी, एमटीपी, ज्वाइंट कमिश्नर और कमिश्नर ने भी खूब दिलचस्पी दिखाई। आखिरकार सील इमारत खुल गई। अब अंदर की बात तो यह है कि एक सत्ताधारी नेता के नाम पर अफसरों ने खूब पैसा खाया। इस अवैध इमारत की सील खुलवाने से लेकर उसे पूरा बनवाने में लाखों रुपए सत्ताधारी नेता के नाम पर वसूले गए।
मजेदार बात तो यह है कि इस अवैध कामर्शियल इमारत की कई लोगों ने शिकायत भी कर रखी है। आरटीआई एक्टिविस्ट ने भी इसकी शिकायत कर रखी है। अब इसकी शिकायत स्थानीय निकाय मंत्री बलकार सिंह और मुख्यमंत्री भगवंत मान से की गई है। जिससे एमटीपी, एटीपी और इंस्पैक्टर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है।