डेली संवाद, नई दिल्ली। SCO Summit: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वर्चुअल शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सहित अन्य सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया।
इस दौरान भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने अल्पसंख्यक अधिकारों और सीमा पार आतंकवाद पर बहस की। इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर खुलकर बात की और इशारों ही इशारों में पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि ‘आतंकवाद क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति के लिए प्रमुख खतरा बना हुआ है।
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इस चुनौती से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई आवश्यक है। पीएम मोदी ने इस दौरान पाकिस्तान के साथ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर भी निशाना साधा। पीएम मोदी ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर बीजिंग और इस्लामाबाद को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कनेक्टिविटी परियोजनाओं को क्रियान्वित करते समय एससीओ के सदस्य देशों की ‘संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना’ आवश्यक है।
पीएम मोदी ने कहा, भारत और अफगानिस्तान के लोगों के बीच सदियों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं. पिछले दो दशकों में हमने अफगानिस्तान के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए योगदान दिया है। 2021 के घटनाक्रम के बाद भी हम मानवीय सहायता भेजते रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि अफगानिस्तान की भूमि पड़ोसी देशों में अस्थिरता फैलाने या कट्टर विचारधाराओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयोग न की जाए।
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पीएम मोदी ने आगे एससीओ देशों से कहा कि हमें आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में एकजुट होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान का बिना नाम लिए कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीतियों के एक साधन के रूप में उपयोग करते हैं, आतंकवादियों को आश्रय प्रदान करते हैं। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।