Gonda News: तरबगंज का रंजीत सिंह बना सद्दाम शेख, गोण्डा से लेकर मुंबई तक फैलाए तार, बन गया हिजबुल का आतंकवादी

Daily Samvad
8 Min Read

डेली संवाद, तरबगंज (गोण्डा)। Gonda News: उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले के तरबगंज तहसील का रहने वाला रंजीत सिंह आतंकवादी निकला। रंजीत सिंह ने न केवल अपना नाम बदला, बल्कि धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बन गया। मुसलमान बनकर रंजीत सिंह बन गया सद्दाम शेख। सद्दाम सेख बने रंजीत ने आतंकवादी बनकर कई कांड कर डाले। इसका जब खुलासा हुआ तो बसेड़ी गांव के लोग मानने को तैयार ही नहीं हुए।

उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए आतंकवादी सद्दाम शेख के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। गिरफ्तार किया गया सद्दाम शेख हिंदू है और इसका पुराना नाम रंजीत सिंह है। वह गोंडा के तरबगंज थाना क्षेत्र के बसेड़ी गांव का रहने वाला है। लेकिन रंजीत के घर में 6 महीने से ताला लगा हुआ है। बीते दिसंबर 2022 में रंजीत सिंह के पिता भगवानदीन सिंह इलाहाबाद मेले के दौरान घर पर आए थे और एक हफ्ते रहने के बाद मुंबई चले गए थे। उसके बाद से घर पर कोई नहीं आया।

ये भी पढ़ें: जुआ खेलते जालंधर के मशहूर पैलेस का मालिक गिरफ्तार

दरअसल, रंजीत सिंह मुंबई में रह रहे अपने पिता भगवानदीन सिंह के साथ रह रहा था और 20 साल पहले अपने पिता भगवानदीन के जेब से पैसे चुराये थे। जिसपर पिता ने रंजीत की पिटाई कर दी थी। जिससे नाराज होकर अपने घर से भागकर कहीं चला गया था। भगवानदीन ने काफी खोजबीन की लेकिन रंजीत नहीं मिला। थक हारकर भगवान दीन अपने घर बैठ गए थे। भगवादीन को ये बात नहीं पता थी कि उनका रंजीत अब धर्म बदलकर सद्दाम शेख बनकर आतंकी बन गया है।

ये सद्दाम को घर है जहां वह धर्म बदलकर शादी करने के बाद बीवी और बच्चों के साथ रह रहा था।

दरअसल, रंजीत से सद्दाम बने आतंकी से एटीएस ने पूछताछ की तो उससे हैरान करने वाले खुलासे हुए। ATS के मुताबिक, सद्दाम पाकिस्तान के आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुडे़ आतंकी रिजवान के संपर्क में था। रिजवान आतंकियों के वीडियो देखकर प्रभावित हुआ था। पाकिस्तान के आतंकी उसे भारत की सीमा के पास आकर कॉल करते थे। उसके बाद रिजवान सद्दाम से बात करता था।

रंजीत सिंह से सद्दाम शेख बन गया

ATS के मुताबिक, पूछताछ में सद्दाम ने बताया कि 1999 में वह अपने मित्र आसिफ से मिला था और आसिफ के पिता के माध्यम से मुस्लिम धर्म अपनाया। जिसके बाद हिंदू धर्म से मुस्लिम धर्म में गया और रंजीत सिंह से सद्दाम शेख बन गया। रंजीत सिंह ने अपने पिता भगवानदीन के नाम को भी बदलकर मुंशी मियां कर लिया। जबकि ये बात खुद भगवानदीन भी नहीं जानते।

ATS के मुताबिक, खुद आतंकियों के संपर्क में आने के लिए सद्दाम ने सैयदा मरियम सैयदा माहिरा के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाई और उसके माध्यम से आतंकियों से संपर्क करने का प्रयास करता था। सद्दाम खुद को मुजाहिद्दीन और जेहादी बताता था। इसलिये आतंकियों ने भी उससे संपर्क का प्रयास किया था।

खुफिया एजेंसियां लगातार नजर रख रही थीं

सद्दाम ने बाबरी मस्जिद तोड़े जाने के वीडियो अपनी फेसबुक पर पोस्ट किये। इसके अलावा उसने ओसामा बिन लादेन के भी फोटो और वीडियो पोस्ट किये थे। जिसके चलते वह खुफिया एजेंसियों के निशाने पर आ गया था। उसने IMO, यू ट्यूब पर भी आईडी बना रखी थी। जिसका नाम हिजबुल मुजाहिद्दीन सद्दाम रखा था। जिसपर खुफिया एजेंसियां लगातार नजर रख रही थीं।

साल 2005 में गोंडा जिले के रहने वाले ड्राइवर राकेश गुप्ता गुजरात गए थे। जहां से सद्दाम शेख को गोंडा में देहात कोतवाली के पठान पुरवा स्थित अपने घर ले आए थे। उसे करीब 1 महीने अपने घर पर रखा था। राकेश गुप्ता के घर से ही गांव में स्थित मस्जिद में सद्दाम शेख नमाज पढ़ने जाता था। जहां गांव के लोगों से सद्दाम शेख की मुलाकात हुई और सद्दाम शेख ने गांव के प्रधान से जमीन दिलाने की बात कही थी।

पत्नी के प्रेमी को ट्रक से कुचलने का प्रयास

गांव के प्रधान ने सद्दाम शेख को जमीन दिलाई थी और सद्दाम शेख ने अपना नाम सफीउल्लाह बताते हुए 2008 में 5 बिस्वा जमीन का पठान पुरवा में बैनामा कराया था। उस जमीन पर मकान बनाकर बाहर कमाने चला गया था। 2010 में पठान पुरवा की रहने वाली रुबीना से शादी की थी और सद्दाम शेख के 3 बच्चे भी हैं जो गांव के पास स्थित मदरसे और प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने जाते हैं।

ATS के मुताबिक, गोंडा आकर उसने मुस्लिम महिला से निकाह किया और उसकी गैर मौजूदगी में उसकी पत्नी का पास में रहने वाले युवक से अफेयर हो गया। इस बात की जानकारी सद्दाम को हुई तो उसने एक बार अपनी पत्नी के प्रेमी को ट्रक से कुचलने का प्रयास भी किया था। लेकिन उसमें सफल नहीं हुआ था।

ये सद्दाम के पिता भगवानदीन का गोंडा में बना घर है, जहां फिलहाल ताला लगा हुआ है।

ग्रामीणों के अनुसार, रंजीत सिंह की पांच बहनें भी हैं जो अपने पिता भगवानदीन के साथ मुंबई के मलाड़ी जिले में रहती हैं। भगवानदीन सिंह बीते दिसंबर 2022 के महीने में इलाहाबाद मेले के दौरान घर आए थे और एक हफ्ते रहने के बाद मुंबई लौट गए थे। भगवानदीन सिंह मुंबई में पहले बनियान वाली दुकान पर काम करते थे। अब खुद बनियान बनाकर व्यापार करते हैं।

ये भी पढ़ें: पंजाब का कुख्यात गैंगस्टर पुलिस कस्टडी से फरार

रंजीत की चाची कलावती और चाचा देवीदीन व ग्रामीण पवन चौबे, प्रदीप चौबे ने बताया कि 14 साल की उम्र में हम लोगों ने रंजीत को देखा था उसके बाद नहीं देखा। पता चला है कि रंजीत ने भगवान दीन की जेब से पैसा चुराया था, जिसके बाद उन्होंने पिटाई कर दी। पिटाई से नाराज होकर वह भाग गया था और तब से अभी तक नहीं लौटा। ये सारी जानकारियां ग्रामीणों ने यूपी एटीएस टीम को दी हैं।

भगवानदीन जब अपने घर पर आते थे तो गांव के किसी लोगों से उनका कोई मतलब नहीं रहता था। खुद खाना बनाकर खाते और एक हफ्ता अपने घर पर रहने के बाद वह मुंबई वापस चले जाते थे। 3 दिन पहले यूपी एटीएस की टीम ने बसेड़ी गांव पहुंचकर लोगों से रंजीत सिंह और पिता भगवानदीन सिंह के बारे में पूछताछ की थी। गांव के लोगों से पूछा था कि रंजीत सिंह कौन है? भगवानदीन सिंह कौन है? ये दोनों लोग इस घर में कब से नहीं आए?

VIDEO- नूरां सिस्टर्स ने लूट ली महफिल | अली… अली … पर सब को झुमाया

Nooran Sisters Live| नूरां सिस्टर्स ने लूट ली महफिल | अली... अली ... पर सब को झुमाया। Daily Samvad





728
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *