डेली संवाद, चंडीगढ़/जालंधर। Punjab News: बाढ़ और बारिश के बीच मौसम विभाग ने पंजाब में 22 जुलाई तक बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। राज्य के कई हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है। लेकिन पहाड़ों से आ रहे पानी को रोकने में बांध नाकाफी साबित हो रहे हैं। ब्यास नदी पर बने पौंग बांध से छोड़े गए पानी से अब निचले इलाके डूबने लगे हैं। तरनतारन क्षेत्र में ब्यास के पानी ने तबाही मचानी शुरू कर दी है।
तरनतारन के मुंडा गांव में ब्यास नदी के बहाव से बचाव के लिए बनाए गए धुस्सी बांध में दरार आ गई है। इससे पानी ने इस क्षेत्र के करीब आठ से दस गांवों की तरफ अपना रुख कर लिया है। गांवों में खेत पानी से लबालब भर गए और धान की सारी फसल पानी में डूब गई है। किसानों का कहना है कि पानी के साथ भारी गाद भी आ रही है, जिससे उनके खेत खराब हो गए हैं।
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तरनतारन के मुंडा और गुज्जरपुरा के लोगों ने बताया कि तड़के करीब 3 बजे ब्यास नदी में पानी का बहाव बढ़ने से धुस्सी बांध में दरार आई। उसके बाद लगातार पानी का बहाव बढ़ता जा रहा है। गांव वालों ने कहा कि इस क्षेत्र में कम से कम अभी तर 6 से 7 किलोमीटर एरिया में पानी से खेत डूब गए हैं। वह मिट्टी से भरी बोरियां भी डाल रहे हैं, लेकिन बहाव इतना तेज है कि मिट्टी की बोरियां भी उसमें बह गईं।
घग्गर नदी पर चांदपुर में धुस्सी बांध टूटने के बाद निकला पानी ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी चपेट में लेने के बाद अब सरदूलगढ़ शहर की तरफ बढ़ रहा है। लोगों ने शहर के आसपास जहां से पानी शहर में घुसने की आशंका है वहां पर अपने स्तर पर मिट्टी से बांध बनाने शुरू कर दिए हैं। लोग अपने घरों से बाहर निकलने शुरू हो गए हैं और अपने जानवरों को भी साथ में लेकर सुरक्षित स्थानों की तरफ निकल रहे हैं।
सरदूलगढ़ में मुख्य मार्ग तक पानी पहुंच गया
सरदूलगढ़ में मुख्य मार्ग तक पानी पहुंच गया है। सड़क के किनारे जो झुग्गी झोपड़ी वाले थे उन्हें वहां से उठाकर अपना सामान इत्यादि लेकर दाना मंडी में जाने के लिए कहा है। लोगों को दाना मंडी में शिफ्ट किया जा रहा है। लोगों में रोष है कि प्रशासन को जेसीबी मशीनें भेजने के लिए कहा था। ताकि मिट्टी निकाल कर बांध बनाए जा सकते। लेकिन प्रशासन ने अभी तक कुछ नहीं मिला है। लोगों का कहना है कि 4-4 फुट सरदूलगढ़ शहर के पास पहुंच गया है।
मालवा क्षेत्र के जिला मानसा में चांदपुरा में घग्गर नदी से बचाव के लिए बनाए गए बांध के टूट जाने के बाद पानी ने सरदूलगढ़ के कई इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया है। सरदूलगढ़ में लोगों ने पानी से बचाव के लिए ट्रैक्टरों की मदद से हरियाणा और पंजाब को जोड़ने वाले हाईवे पर करीब 800 मीटर लंबा मिट्टी का बांध बना दिया है। हाईवे को लोगों ने बांध बनाकर बंद कर दिया है।
नदी-नालों में जलस्तर बढ़ गया
पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण नदी-नालों में जलस्तर बढ़ गया है। जिसके तहत गुरदासपुर में आज सुबह उझ नदी में पानी छोड़ा गया है। गुरदासपुर DC डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि उझ नदी में 1,71,797 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो आज सुबह 8 बजे मकोड़ा पतन और दो घंटे बाद करीब 10 बजे धर्मकोट पतन के पास रावी नदी में घोणेवाल (डेरा बाबा नानक) पहुंचेगा।
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डिप्टी कमिश्नर ने उझ और रावी नदियों के आसपास रहने वाले निवासियों को सावधान किया है और उन्हें उझ और रावी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से दूर रहने व अपने जानवरों को भी सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए कहा है।
उन्होंने कहा कि बाढ़ जैसी किसी भी स्थिति की जानकारी जिला प्रशासन के कंट्रोल रूम में टोल फ्री नंबर 1800-180-1852 या बाढ़ कंट्रोल रूम के नंबर 01874-266376 पर दी जा सकती है। जिला प्रशासन बाढ़ जैसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।