डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डा. बलजीत कौर के दिशा-निर्देशों अधीन सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से राज्य के आंगणवाड़ी सैंटरों में बच्चों के लिए शुरुआती बचपन की देखभाल और शिक्षा की महत्ता के बारे जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से शुरुआती बचपन की देखभाल और शिक्षा (ईसीसीइ) दिन मनाया गया।
इस सम्बन्धी और ज्यादा जानकारी देते हुये कैबिनेट मंत्री डा. बलजीत कौर ने बताया कि इस दिन का मुख्य उद्देश्य आंगणवाड़ी सैंटरों में बच्चों को करवाई जा रही पूर्व स्कूल शिक्षा की गतिविधियों से उनके माँता-पिता को अवगत करवाना है।
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मंत्री ने आगे कहा कि नयी शिक्षा नीति ( 2020), फाऊंडेशनल लर्निंग के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क ( 2022) और सक्षम आंगणवाड़ी और पोषण 2.0 के दिशा-निर्देशों के साथ, उच्च-गुणवत्ता वाले ईसीसीइ की महत्ता को मज़बूत किया गया है। उन्होंने कहा कि बचपन की देखभाल और शिक्षा का बच्चों के मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
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डा. बलजीत कौर ने बताया कि बच्चे के मूलभूत 6 साल उसके विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। आंगनवाड़ी सैंटरों में प्री-स्कूल शिक्षा देते समय बच्चे के संपूर्ण विकास अर्थात बौद्धिक विकास, भाषा का विकास, शारीरिक विकास, सामाजिक और भावनात्मक विकास, रचनात्मक विकास को मुख्य रख कर गतिविधियां करवाई जाती हैं। इसमें बच्चे को पूर्व पढऩे से पूर्व लिखने का अभ्यास करवाया जाता है जिससे बच्चा स्कूल में पढऩे के लिए तैयार हो सके।
इसके इलावा बच्चों की सेहत को मोनिटर करने के लिए ग्रोथ मोनिटरिंग संबंधी भी अभिभावकों को अवगत करवाया गया। इस मौके पर अभिभावकों की तरफ से बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया गया। कैबिनेट मंत्री ने विभाग के सुपरवाईजऱों, आंगणवाड़ी वर्करों, आंगणवाड़ी हैल्परों, अभिभावकों और संस्था मेरकी फाउंडेशन का छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित और पालन-पोषण के लिए सराहना की।
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